सौ साल पुराने थाने के जर्जर भवन में मौत के साये में खाकी

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फर्रुखाबाद:(कमालगंज प्रतिनिधि) बीते लगभग 100 वर्ष पूर्व ब्रिटिश हुकूमत के दौरान 1919 में बनाया गया कमालगंज थाना अब जर्जर घोषित हो चुका है| थाने का कामकाज टिनसेड के नीचे चल रहा है| अधिकतर पुलिस कर्मी खस्ताहाल भवन होंने के चलते किराये पर कमरा लेकर रह रहें है| लेंकिन अभी तक शासन नें भवन निर्माण की तरफ नजरें इनायत नही की|
विदित है कि 1995 में बरसात के दौरान थाने के भवन का मलबा टूटकर तत्कालीन थानाध्यक्ष सोमनाथ दुबे के साथ ही एक पुलिस कर्मी पर गिरा था| जिसके बाद लोक निर्माण विभाग नें अधिकारियों के निर्देश पर जाँच की और मामला फाइलों में दब गया| इसके  बाद तत्कालीन थाना प्रभारी ने आपसी और जन सहयोग से थाने के मालखाना, चालक आवास, गैरेज और ऑफिस, मैस का नवनिर्माण करा दिया| वर्ष 2001 में प्रांतीय लोक निर्माण विभाग ने थाने के इस भवन को निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया। जिसके बाद आज तक वजट का ताला थाने के जर्जर भवन के गेट पर लटक रहा है| पुलिस कर्मी टिन के नीचे लोगों की जान-माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले रहें है| तत्कालीन एसपी संतोष मिश्रा नें बरसात के दिनों में तत्काल व्यवस्था टीन शेट डलवाकर थाना कार्यालय व मालखाना के साथ ही एक बैरंग बनवाया था|
पुलिस कर्मी किराये के मकानों में कर रहे निवास
थाना का हाल जर्जर है| जिसके चलते अधिकतर थाने के पुलिस कर्मी कस्बे में किराये के कमरों में रहने को मजबूर हैं| थाने में एक प्रभारी निरीक्षक, 9 दारोगा, 41 सिपाही, 6 महिला सिपाही है| कुल 57 पुलिस कर्मी हैं|