फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) विचारक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि सत्ता और समाज एक पक्षी के दो पंख है एक भी पंख भारी हुआ तो विकास का पंक्षी उड़ नही पायेगा|
भोलेपुर के नगला दीना स्थित एक विद्यालय में उन्होंने बताया कि राजनीति में सत्ता या संगठन में मेरी रूचि समाप्त हो गयी थी| भारत की असली ताकत है यहाँ की प्रकृति और पर्यावरण, यहाँ के लोगों का मूल स्वभाव व भारत के अपने संसाधन| उन्होंने कहा कि उन्होंने राजनीति के बाहर से प्रयोग करने के लिए उन्होंने अध्यन अवकाश लिया है| लेकिन पार्टी द्वारा इस बीच नहे किनारे करने के सबाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी नें उन्हें किनारे नही किया है| आज भी उन पर पार्टी विश्वास करती है| उन्होंने कोरोना के प्रति सभी को साबधान रहने और सुरक्षा मानकों का पूरा पालन करनें की नसीहत भी दी|
उन्होंने कहा कि राजनीति में उम्र का कोई इलाज नही| उम्र का असर अलग लोगों पर अलग-अलग पड़ता है| उन्होंने कहा कि पीएम मोदी नें जो आत्मनिर्भर भारत का संदेश दिया है वह उसका समर्थन करते है| कहा कि आत्मनिर्भर में हमें ‘आत्म’ शब्द का गहनता से विश्लेषण करना होगा। उन्होंने कहा कि 9 सितम्बर को उनके अध्ययन अवकाश के 20 वर्ष पूर्ण हो रहे है| इन 20 वर्षों में तीन काम किये| जिसमे अवलोकन, विमर्श और क्रियान्वयन शामिल है| 2 अक्टूबर को वह गाँधी जयंती के दिन अपने अध्ययन अवकाश का निष्कर्ष साझा करूंगा| उन्होंने विद्यालय में पौधा रोपण भी किया|
उन्होंने भाजपा नेता डॉ० प्रभात अवस्थी के पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह चुके डॉ० ब्रह्मदत्त अवस्थी से उनके आवास पर जाकर भेट की और उनके परिवार के साथ समय गुजारा| वह युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष अजीत महाजन के आवास पर भी गये| इसके बाद वह कन्नौज के लिए रवाना हुए| सुरेन्द्र पाण्डेय आदि रहे|