कानपुर:(जेएनआई) बर्रा निवासी पैथोलॉजी कर्मी संजीत अपहरण-हत्याकांड में पुलिस की असफलता अब सामने आ रही है। दस दिन बाद भी पुलिस शव को ढूंढ नहीं पाई और परिवार बेहाल है। पूरी रात बेटे के लिए रोते रहे पिता सुबह अचानक बिना बताए घर से निकल गए। जानकारी पर पुलिस के हाथ पांव फूल गए और आनन फानन रास्ते में रोक लिया तो उन्होंने 24 घंटे में बेटे का शव न मिलने पर आत्महत्या करने की धमकी दी। वहीं न्याय न मिलने पर पीड़ित परिवार ने शास्त्री चौकी पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
संजीत के पिता चमन ने बताया कि 22 जुलाई को अपहरण के बाद 10 दिन पहले पुलिस ने हत्या की जानकारी दी थी। अपहर्ताओं द्वारा शव पांडु नदी में फेंके जाने की बात कही थी। अभी तक पुलिस शव बरामद नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि अबतक दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया और न ही जेल भेजा गया है। इससे आहत पिता रात से रोते रहे और भोर पहर चार बजे बिना बताये घर से हाईवे की ओर पैदल निकल गए। संजीत की मां और बहन रुचि के ढूंढने के बाद भी वह नहीं मिले तो पुलिस को जानकारी दी। इसपर पुलिस के हाथ पांव फूल गए और आनन फानन तलाश में जुट गई।
पुलिस ने किसी तरह उन्हें बर्रा-8 के पास हाईवे पर रोक लिया तो चमन ने 24 घंटे के अंदर बेटे का शव न मिलने पर आत्महत्या करने की धमकी दी। इधर, चमन के न मिलने पर कुसुम और रुचि भी फत्तेपुर गांव स्थित पांडु नदी की ओर जाने लगीं, जिसकी जानकारी पर पुलिस ने उन्हें भी रास्ते में रोक लिया। इसके बाद पीड़ित परिवार अपनी मांगों को लेकर शस्त्री चौक पर धरने पर बैठ गया। रुचि ने कहा कि पुलिस किसी भी तरह भाई का शव ढूंढकर लाए, रक्षाबंधन पर हम शव को ही राखी बांधेंगे। धरने की सूचना पर पहुंचे एसपी साउथ बीबीजीटीएस मूर्ति ने समझाने का प्रयास किया तो मां कुसुम ने कहा कि मेरे बच्चे का शव 24 घंटे में लाया जाए वरना आत्महत्या कर लेंगे।