कानपुर:(जेएनआई) चौबेपुर बिकरू कांड में वांछित विकास दुबे और उसके साथियों के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पुलिस अन्य सहयोगियों की तलाश में जुटी रही। इस बीच विकास दुबे के खास गुर्गे एक लाख के इनामी गोपाल सैनी ने पुलिस की नजरों से बचकर कानपुर देहात की कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
सीओ समेत पुलिस जवानों की हत्या में आरोपित हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे, उसके भतीजे अमर दुबे, अतुल दुबे, मामा प्रेम कुमार, बउवा दुबे और प्रभात दुबे एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। पुलिस पांच आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। फरार आरोपितों में विकास दुबे के नौकर गोपाल सैनी व हीरू दुबे पर एक-एक लाख रुपये और शिव तिवारी, राम सिंह, रामू बाजपेई, बउवन उर्फ बब्बन शुक्ला, बाल गोविंद उर्फ बड्डे महाराज, विष्णु पाल यादव, मोनू त्रिवेदी और शिवम दुबे पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित है।
पुलिस सभी फरार आरोपितों की तलाश में दबिशें देने का दावा कर रही है। इन सबके बीच विकास दुबे के नौकर गोपाल सैनी ने बुधवार की देर शाम कानपुर देहात की एंटी डकैती कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उसके सरेंडर की पुलिस को भनक तक नहीं लग सकी। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में माती जेल भेज दिया। उसपर एक लाख रुपये का इनाम था और हत्या, हत्या के प्रयास, लूट समेत कई मुकदमे दर्ज हैं।
घर से मिला था बम बनाने का सामान
पुलिस कर्मियों की हत्या में शामिल रहा गोपाल सैनी खास गुर्गा था। वह विकास के लिए बम बनाने का काम करता था और उसे बमबाज के नाम से पहचाना जाता था। बिकरू कांड के बाद पुलिस ने गोपाल सैनी के घर की तलाशी ली थी तो बम बनाने का सामान मिला था। विकास दुबे के नौकर दयाशंकर के नाम आवंटित राशन दुकान का भी संचालन गोपाल करता था, जहां से पुलिस को तीन बम भी मिले थे।
गोपाल के भाई पर भी है इनाम
बिकरू कांड के बाद पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के सहयोगी रहे पड़ोसी रमेश चंद्र, उसके दो बेटों के साथ नौकर गोपाल सैनी के भाई की तलाश पुलिस कर रही थी। इसके साथ ही पुलिस घटना में शामिल रहे 14 आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें दे रही थी। पुलिस ने रमेश चंद्र, उसके दो बेटों के साथ नौकर गोपाल सैनी के भाई पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था।