मानकों को ताक पर रख दो गुना किराया बसूल कर किसके आदेश पर दौड़ रहे डग्गामार?

FARRUKHABAD NEWS POLICE जिला प्रशासन

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) लॉक डाउन-5 को लेकर कुछ छूट जरुर दी गयी है,  लेकिन इतनी भी नही की किसी की जिन्दगी खतरे में पड़ जाए| लेकिन यहाँ जिला प्रशासन के बिना अनुमति से डग्गामार बसों का संचालन सबारियों की मजबूरी का फायदा उठाकर किया जा रहा है| यह किसकी मर्जी से हो रहा है यह बताने वाला कोई नही| सब अपनी-अपनी पूंछ बचाये घूम रहे है|
दरअसल लॉक डाउन के साथ ही कोरोंना-19 महामारी से बचाव के लिए जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने डग्गामार बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर रखा है| जिससे बीमारी में इजाफा होनें से रोंका जा सके| लेकिन इसके बाद भी डीएम के आदेश को दर किनार कर बड़े मजे से दिल्ली से फर्रुखाबाद को डग्गामार बसों का संचालन शुरू हो गया है|
बस कोई सुई नही जो जिम्मेदारों को नही दिखती| बल्कि वह देखना नही चाहते| क्यों देखना नही चाहते यह बताने की जरूरत नही है| लॉक डाउन से पूर्व दिल्ली से फर्रुखाबाद एक यात्री का किराया 300 रूपये था| लेकिन लॉक डाउन में पूरी तरह से निजी बसों का संचालक रोक दिया गया था| कुछ दिन तो चक्का जाम रहा लेकिन लॉक डाउन में ढील के साथ ही साथ डग्गामार बसें बिना अनुमति के ही दिल्ली से फर्रुखाबाद दौड़ने लगी| किराया दो गुना कर दिया गया|
दिल्ली से डग्गामार बस से सफर करके आयी महिला यात्री नें जेएनआई को बताया कि उससे प्रति यात्री 600 रूपये बसूल किये गये| मजबूरी में आना पड़ा| बस के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग का कही पर पालन नही हुआ| ना ही सेनीटाइजर का प्रयोग कराया गया| अब यह कोई बताने को तैयार नही की यह बसें आखिर किसकी अनुमति से जनपद से दिल्ली जाकर आ रही है|
जीएसटी में भी हो रहा खेल
दिल्ली से आने वाली बसें सबारियों के साथ ही साथ सामान भी लादकर ला रही है| जिससे जीएसटी का लाखों रूपये का चूना लग रहा है|
जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह नें जेएनआई को बताया कि किसी डग्गामार को चलाने की अनुमति नही है| एआरटीओ को निर्देशित कर सख्त कार्यवाही करायी जायेगी|