लखनऊ:उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की डबल बेंच ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के नौ जून के आदेश के क्रम में भर्ती प्रक्रिया जारी रख सकती है। बेंच ने विपक्षी अभ्यर्थियों को नोटिस भी जारी की है। उनसे कहा कि स्पेशल अपील पर अपना-अपना जवाब दाखिल करें।
प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के 69000 शिक्षक भर्ती की उत्तरमाला के मामले में स्पेशल अपील पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की डबल बेंच ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने सरकार को भर्ती प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के 21 मई व 9 जून के आदेश के क्रम में करने का निर्देश देने के साथ कहा है कि वह स्वतंत्र है। इसके प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार की तीन स्पेशल अपील पर आज आदेश सुनाते हुए एकल पीठ के 3 जून के आदेश को स्टे कर दिया। अर्थात अब सरकार सुप्रीम कोर्ट के 9 जून के आदेश से करीब 37 हज़ार पदों पर लगी रोक के इतर शेष बचें पदों पर भर्ती प्रकिया आगे बढ़ाने को स्वंत्रत है।
न्यायमूर्ति पी के जायसवाल और डी के सिंह की खंडपीठ ने आज 69 हजार सहायक बेसिक शिक्षकों के मामले में 3 जून की एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि कहा कि राज्य सरकार 21 जून के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए चयन प्रक्रिया जारी रखने के लिए स्वतंत्र है। सुप्रीम कोर्ट ने 37000 पद रोक रखे हैं। उतने पद छोड़कर शेष पर सरकार चयन प्रक्रिया आगे बढ़ने को स्वतंत्र है। कोर्ट ने भर्ती परीक्षा पर जैसे गंभीर सवाल उठाए थे, वह किनारे हो गए। सरकार माडिफिकेशन में जा रही है।
इसमें राहत मिलते ही भर्ती शुरू हो सकती है। दूसरी राहत अब प्रश्नों का मूल्यांकन नहीं होगा। सरकार कह चुकी है कि सुप्रीम कोर्ट में उसका पक्ष नहीं सुना गया, इसलिए वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर शीर्ष अदालत से अपना आदेश संशोधित करने का अनुरोध करेगी।