फर्रुखाबाद:(नगर प्रतिनिधि)ईद-उल-फितर का त्यौहार सादगी के साथ मनाया गया| लॉकडाउन के चलते ईदगाह और मस्जिदों में कुछ लोगों ने ही नमाज अदा की। ज्यादातर लोगों ने घरों में रहकर ही नमाज अदा की। इस दौरान शारिरिक दूरी के मानकों का भी खास ख्याल रखा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के खौफ ने मुस्लिम भाइयों की मीठी ईद को भी फीका कर दिया है। लोगों नें घर पर, घर की छतों पर नमाज पढ़कर ईद मनायी| इस दौरान न तो कोई गले मिल रहा है और न ही उस जिंदादिली से बधाई दे रहा है, जैसे पहले होता था। मुस्लिम परिवारों की माने तो यह ईद देश की पहली ऐसी ईद होगी, जिस पर लोग मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ेंगे, ना किसी के घर जाएंगे, ना गले मिलेंगे और ना ही किसी से हाथ मिलाएंगे।
नगर की प्रमुख मस्जिदों में भी नमाज पढ़ने की परंपरा रही है। इसमें हजारों लोग शरीक होते रहे हैं। लेकिन इस बार मस्जिद में ईद की नमाज नहीं पढ़ी गई। मुस्लिम धर्मावलंबियों ने घरों में ही ईद की नमाज पढ़ी। सीधे कहें तो इस बार ईद का उल्लास घरों के अंदर ही सिमट गया है। सड़कों पर भी सन्नाटा ही नजर आया| लोगों नें एक दूसरे को फोन पर मुबारकबाद दी| ईद उल फितर के दिन लोग जल्दी उठकर नए कपड़े पहनकर मस्जिदों में जाते हैं और नमाज अदा करके एक-दूसरे को बधाई देते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह यह पर्व घर पर ही मनाया गया, जिससे शारीरिक दूरी बनी रहे और त्योहार के रास्ते यह बीमार लोगों के घर तक ना पहुंचे।
महिलाओं ने संभाला किचन
महिलाएं भी ईद की तैयारी में जुट गई हैं। रविवार की देर रात इफ्तार करने के बाद महिलाएं तय किए गए रिसिपी के हिसाब से पकवान बनाने में जुट गई। देर रात तक महिलाएं किचन में ही लगी रहीं। इसमें घर के पुरुषों ने भी उनका साथ दिया। इधर, लॉकडाउन की वजह से भले ही घरों में किसी का आना-जाना नहीं होगा। बावजूद इसके घरों को सजाने-संवारने में देर रात तक लोग जुटे रहे। घर के मर्द से लेकर औरतें तक घरों की साफ-सफाई की। चादर व पर्दे भी साफ-सुथरे लगाए गए हैं।
सोशल मीडिया ने मुबारकबाद देनें में किया सेतु का काम
लोगों नें इस बार एक दूसरों के घरों में जाकर मुबारक बाद देनें से तौबा कर ली| सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन के नियमों का पालन करने के साथ ही अपने और अपनों को सुरक्षित रखने के लिए दूसरों से दूरी भी रखी| मुबारक बाद देनें में सोशल मीडिया ने एक सेतु का काम किया| रविवार को ईद के चांद की तस्दीक हुई तो हर तरफ से मुबारकबाद का दौर शुरू हो गया। आम तौर पर हर साल ईद का चांद दिखने के बाद ईद मुबारक-ईद मुबारक… की सदाएं गूंजती थीं, लेकिन इस बार लोग सोशल मीडिया के जरिए रिश्तेदारों और दोस्तों को मुबारकबाद पेश कर सके।