फर्रुखाबाद: सरकार ने बाहर से आये लोगों को उनके गाँव में ही सेंटर बनाकर कोरोनटाइन करने की व्यवस्था की| जिससे कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके| लेकिन जिलाधिकारी और सीडीओ के लाख प्रयास के बाद भी बाहर से आये परदेशी बाबू की रातें अपने बैडरूम में ही गुजर रहीं है| प्रधान जी है की उन्हें देशहित से जादा अपने आने वाले चुनाव के वोटबैंक की चिंता सता रही है लिहाजा वह उन पर पाबंदी नही लगा पा रहे और ना ही जिला प्रशासन को सही आईना ही दिखा रहे है| जिले भर में 6 सैकड़ा कोरोनटाइन सेंटर बने है|
यूपी सरकार ने बाहर से गाँव आये लोगों को सुरक्षा के लिहाज से गाँव के पंचायत घर या प्राथमिक विद्यालय में कोरोनटाइन टाइन सेंटरों में रखने की व्यवस्था की गयी थी| 14 दिन तक उनके भोजन आदि की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी प्रधान और सचिव पर डाली गयी थी| लेकिन अपनी जिम्मेदारी को जिम्मेदार बनकर अमली जामा पहनाने की जगह प्रधानों ने बहाने-बाजी करने के नये-नये तरीके इजात कर लिए है| जिला प्रशासन से चोर-सिपाही का खेल खेला जा रहा है| जिसका परिणाम यह है कि खतरे की घंटी लगातार भविष्य के खतरे से सभी को अवगत करा रही है|
कई जगह तो ताले ही पड़े है कुछ जगह दिन में भोजन आदि करके परदेश बाबू घरों की तरफ रुख कर ले रहे है| घर जाते समय किसी की मजाल नही जो उन्हें रोके| लिहाजा कई जगह तो सरकारी लाभ से भोजन आदि करके नींद अपने घर में ली जा रही है| सेंटरों की हकीकत क्या है यह तस्वीरों में देखकर आप खुद समझें| जेएनआई टीम ने नगर के चाँदपुर, अमेठी कोहना, अमेठी जदीद आदि जगहों का दौरा किया |तो वहां बनाये गये कोरोनटाइन सेंटरों पर ताले लटकते नजर आये|
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