फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ ही जिला प्रशासन आम जन मानस को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए जिस तरह से दिन रात एक किये है| लेकिन आम जनता पूर्ण रूप से लॉक डाउन का पालन पूरी जिम्मेदारी से नही कर रही| ग्रामीण क्षेत्रों में इसका कुछ जादा ही दुरपयोग होता दिख रहा है| कोरोना के खिलाफ जंग में एक प्रयास गाँव के कुछ युवाओं ने मिलकर किया और देश भक्ति का अनूठा नमूना पेश कर दिया| उन्होंने अपने घरों के दरवाजों और दीवारों पर लिखकर चिपका दिया कि यह गाँव पूरी तरह लॉक डाउन है| रिश्तेदारों और बाहरी लोगों का गाँव में प्रवेश वर्जित|
दरअसल विकास खंड बढ़पुर का गाँव विजाधरपुर जिले का एक शिक्षिक गाँव माना जाता है| जिसमे अधिकतर आबादी शिक्षित ही है| आज देश कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रहा है| देश को बचाने के लिए हमे सीमा पर जाने की जरूरत नही केबल घरों में रहने की जरूरत है| लेकिन लोगों में जागरूकता के आभाव के चलते वह सड़क पर निकल रहे है|
लोगों में जागरूकता लाने की मुहीम में विजाधरपुर के कुछ युवाओं ने अनूठी पहल की| जिससे सभी क खुद ही सीख लेनें की जरूरत है| एमवीए लखनऊ विश्वविध्यालय की छात्रा तृप्ति दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक योजना तैयार की और उसको मूर्ति रूप दिया| तृप्ति नें दुकानें बंद होनें के बाद भी हाथों से ही बैनर लिखकर तैयार किये| जिसमे लिखा प्रवेश वर्जित लॉक डाउन- यह गाँव विजाधरपुर पूरी तरह से लॉक डाउन है| किसी बाहरी व्यक्ति व रिश्तेदार का प्रवेश भी पूर्ण रूप से वर्जित है (निवेदक-ग्राम वासी)|
हाथों से लिखे पोस्टर गाँव में जगह-जगह चिपकाये गये है| इन युवाओं के प्रयास से हर किसी को सीख लेनें की जरूरत है| पहले तो हम खुद को घरों में लॉक डाउन करे उसके बाद गाँव लॉक डाउन होगा| गाँव गाँव डाउन होगा तो नगर लॉक डाउन होगा, नगर लॉक डाउन होगा तो जिला लॉक डाउन होगा और फिर प्रदेश और देश पूरी तरह से लॉक डाउन हो जायेगा| घरों में लॉक डाउन होनें से कोरोना से हम जंग जीत लेंगे|