लखनऊ: चीन से फैले कोरोना वायरस ने व्यापक रूप धारण कर लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के इसको महामारी घोषित करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इसको महामारी घोषित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य जय प्रताप सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना तथा शीर्ष अधिकारियों के साथ करीब दो घंटा मंथन किया।
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे और उसकी रोकथाम को लेकर सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। जिसके तहत राजधानी में बेसिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक के सभी शिक्षण संस्थान 22 मार्च तक बंद रहेंगे। सिर्फ वे स्कूल खुलेंगे, जहां हाईस्कूल और इंटर की विभिन्न बोर्डो की परीक्षाएं चल रही हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग समेत कई अन्य विभागों की बैठक बुलाई थी। जिसके बाद ये फैसला लिया गया।
सीएम कार्यालय लोकभवन में करीब दो घंटा की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया गया। इसके साथ ही 22 मार्च तक सभी शिक्षण संस्थान को बंद करने का निर्णय भी लिया गया। इसमें बेसिक से लेकर उच्च व तकनीकी शिक्षण संस्थान बंद होंगे। जहां पर बोर्ड की परीक्षा चल रही हैं, वह संस्थान सिर्फ परीक्षा के समय तक खुले रहेंगे। अगर परीक्षा शुरू नहीं हुई है तो आगे टलेंगी। कोरोना वायरस का असर विश्व व्यापी हो चुका है। देश में अभी तक सात दर्जन लोग इसकी चपेट में हैं। उत्तर प्रदेश में भी एक दर्जन लोगों में इसका बड़ा असर हो चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में रहे सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी है। इसके बाद भी इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है। हम लोग इससे उबरने में सक्षम हैं।
बीएसए फर्रुखाबाद नें बताया की आदेश किया जा रहा है| सीएम के आदेश पर 22 मार्च तक विद्यालय बंद किये जा रहे है|