कानपुर देहात: दो दिन बाद 14 फरवरी को बेहमई नरसंहार की की 40वीं बरसी होगी लेकिन पीडि़तों को इस बार भी अदालत के फैसले का इंतजार रहेगा। 39 साल पहले बेहमई गांव में दस्यु सुंदरी फूलन के गिरोह द्वारा सामूहिक नरसंहार के मामले में एक बार फिर फैसले की घड़ी टल गई है। बुधवार तक एसपी को मूल केस डायरी पेश करने की दी गई समयावधि समाप्त हो गई। कोर्ट में एसपी की ओर से 15 दिन का समय मांगा गया है, जिसपर कोर्ट ने अब 26 फरवरी को पत्रावली प्रस्तुत करने की तिथि नियत कर दी है।
बेहमई में 39 साल पहले डाकुओं का कहर
39 साल पहले 14 फरवरी 1981 को सिकंदरा थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में फूलन देवी, मुस्तकीम, रामऔतार व लल्लू गैंग में शामिल 35-36 डकैतों ने लूटपाट करने के बाद 26 पुरुषों पर गोलियां बरसाई थीं। इसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। मामले में वादी राजाराम सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था।
24 अगस्त-2012 को पांच अभियुक्तों भीखा, पोसे उर्फ पोसा, विश्वनाथ उर्फ पुतानी उर्फ कृष्ण स्वरूप, श्याम बाबू व राम सिंह के खिलाफ आरोप तय होने पर कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ था। पांचों आरोपितों में भीखा, विश्वनाथ उर्फ पुतानी उर्फ कृष्ण स्वरूप व श्याम बाबू जमानत पर हैं जबकि पोसा जेल में बंद है। 13 फरवरी 2019 को जेल में रामसिंह की मौत हो गई थी।
मामला विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में विचाराधीन
मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट में चल रही है। बहस पूरी होने के बाद फैसले की तिथि नियत की गई थी, लेकिन पत्रावली में मूल केस डायरी न होने से निर्णय नहीं हो पाया था। न्यायालय ने 24 जनवरी को डीएम व एसपी को मूल केस डायरी उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। साथ ही सुनवाई की अगली तिथि 30 जनवरी नियत की थी, लेकिन मूल केस डायरी न मिलने पर एसपी अनुराग वत्स ने दस दिन का अतिरिक्त समय मांगा था। इसपर न्यायालय ने 12 फरवरी तक का समय दिया था।
एसपी ने मांगा पंद्रह दिन का समय
कोर्ट में बुधवार को एसपी की ओर से बेहमई कांड की मूल केस डायरी उपलब्ध करानी थी। बुधवार की सुबह कोर्ट की कार्यवाही शुरू होने पर मूल केस डायरी न मिलने पर एसपी ने 15 दिन का समय मांगा। इसपर न्यायालय ने 26 फरवरी को पुन: पत्रावली पेश करने का आदेश दिया है। डीजीसी राजू पोरवाल ने बताया कि 26 फरवरी की तारीख नियत करते हुए एसपी को मूल केस डायरी उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।
बरसी पर गांव वाले समाधि स्थल पर करते हैं रोशनी
14 फरवरी 1981 को दस्यु सुंदरी फूलन गिरोह की गोलियों से बीस लोगों की मौत की घटना के बाद से पीडि़त परिवार के लोग हर साल बरसी मनाते आ रहे हैं। पीडि़त परिवार और गांव के लोग समाधि स्थल पर दीपक जलाकर रोशनी करते हैं और मृत लोगों की आत्मा की शांति के लिए पाठ करते हैं। गांव की महिलाएं भी पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि देने पहुंचती हैं।