अयोध्या: देश की सर्वोच्च अदालत से अयोध्या के राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद से अब राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख को लेकर अटकलों का बाजार गरम है। रामनगरी के अधिसंख्य संतों की राय है कि आगामी दो अप्रैल को रामनवमी के दिन जन्मभूमि पर मंदिर का शिलान्यास किया जाए। इस बीच विश्व हिंदू परिषद के संयोजन में देशव्यापी राममहोत्सव भी मनाया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या राम मंदिर विवाद पर फैसले के बाद से ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की कवायद जोर पकडऩे लगी है। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर के निर्माण की खातिर शिलान्यास को लेकर संत समाज ने दो तारीख सुझाई हैं। इनमें एक तो दो अप्रैल, 2020 प्रमुख है। दो अप्रैल, 2020 को रामनवमी है। रामनवमी यानी भगवान श्रीराम का जन्मदिन का दिन। वहीं, अखिल भारतीय संत समिति ने सर्वसम्मति ने राम मंदिर की नींव के लिए हिंदू नववर्ष (नव संवत्सर) का दिन सुझाया है। पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है, जो 2020 में 25 मार्च से शुरू होगा जबकि रामनवमी दो अप्रैल को है।
माना जा रही है कि इन दोनों तारीखों को लेकर संघ भी सहमत है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण का काम राम नवमी से शुरू होने की संभावना है। भगवान राम के जन्म उत्सव राम नवमी के दिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है। अगर राम मंदिर निर्माण का कार्य रामनवमी यानी 2 अप्रैल, 2020 को शुरू होता है तो मंदिर निर्माण में करीब चार वर्ष लगेंगे, जिसका मतलब है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले तैयार हो जाएगा।
प्रक्रिया में ट्रस्ट का गठन
अयोध्या के राम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन शुरू हो गया है। गृह मंत्रालय ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार को 3 महीने के भीतर ही राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाना होगा। मालूम हो, तकरीबन 40 दिनों तक लगातार चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गत नौ नवंबर को अयोध्या विवाद मामले में रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया था।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम मंदिर का निर्माण शुरू करने के लिए रामनवमी को बेहतर बताया है, क्योंकि राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की स्थापना के लिए तीन महीने की अवधि की समय सीमा फरवरी में समाप्त हो रही है और तब तक मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी हो जाएंगी। विहिप चाहती है कि मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी कार्य जनवरी में मकर संक्रांति से शुरू हो जाएं।
अयोध्या के कारसेवकपुरम में कार्यशाला में राम मंदिर निर्माण से जुड़ी तैयारी 65 फीसदी पूरी हो चुकी है। शेष कार्य भी अंतिम चरण में है। गुजरात और राजस्थान के कारीगर अयोध्या के कारसेवकपुरम् में चल रही कार्यशाला में जुटे है। मंदिर के पूर्ण निर्माण के लिए 1.25 लाख घन फुट पत्थर की नक्काशी की गई है और पूरे मंदिर के निर्माण के लिए 1.75 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता होगी। राम मंदिर का मॉडल अयोध्या में कारसेवकपुरम में रखा गया है, जिसके अनुरूप ही प्रस्तावित राम मंदिर का निर्माण किया जाना है।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर 106 खंभे वाला एक दो मंजिला मंदिर होगा। जिसके गर्भगृह में प्रभुराम विराजमान होंगे। प्रस्तावित मंदिर का मॉडल वर्ष 2001 में अयोध्या लाया गया है। संभावना है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य को 2024 से पहले पूरा कर लिया जाएगा।