राज्‍यों के लिए सीएए को मानने से इंकार करना मुश्‍किल, सिम्बल के बयान से सहमत खुर्शीद

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नई दिल्‍ली: नागरिकता संशोधन कानून पर शोर शांत नहीं हो रहा है। कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने रविवार को राज्‍य सरकार की ओर से संसद द्वारा पारित कानून को मानने से इंकार करना कठिन बताया। उन्‍होंने कपिल सिब्‍‍‍बल के बयान पर मुहर लगाते हुए कहा कि संवैधानिकता के तौर पर संसद से पारित कानून का अनुसरण करने से इंकार करना राज्‍य सरकार के लिए कठिन है। उन्‍होंने कहा, ‘संसद द्वारा पारित कानून के लिए राज्‍य सरकार यह नहीं कह सकता कि इसका अनुसरण नहीं करूंगा।’ उन्‍होंने कहा कि इस मामले पर केंद्र से राज्‍य सरकारों के विचार में काफी अंतर है। इसलिए हमें सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार करना होगा। अंतत: सुप्रीम कोर्ट निर्णय लेगा और तब तक यह प्रावधान अस्‍थायी है।दरअसल, कपिल सिब्बल ने शनिवार को केरल लिटरेचर फेस्टिवल में कहा कि कोई भी राज्य संसद से पारित कानून को लागू करने से इंकार नहीं कर सकता है। इससे इंकार करना असंवैधानिक होगा। दरअसल, कपिल सिब्बल ने शनिवार को केरल लिटरेचर फेस्टिवल में कहा कि कोई भी राज्य संसद से पारित कानून को लागू करने से इंकार नहीं कर सकता है। इससे इंकार करना असंवैधानिक होगा।
संभव नहीं राज्‍यों का इंकार: सिब्‍बल
सिब्बल ने कहा, ‘यदि सीएए पास हो गया है तो कोई राज्य यह नहीं कह सकता है कि ‘मैं इसे लागू नहीं करूंगा।’ यह संभव नहीं है और यह असंवैधानिक भी है। आप इसका विरोध कर सकते हैं, आप विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और केंद्र सरकार से इसे वापस लेने को कह सकते हैं।’ सिब्बल ने आगे कहा, ‘लेकिन संवैधानिक रूप से यह कहना कि मैं इसे लागू नहीं करूंगा, अधिक समस्याएं पैदा कर सकता है।’ सिब्‍बल का यह बयान कांग्रेस शासित पंजाब के सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने के एक दिन बाद आया है। केरल पहले ही इस कानून को लागू नहीं करने के संबंध में विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुका है। उसने सुप्रीम कोर्ट में भी इसे चुनौती दी है।
सिब्बल का यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि खुद उनकी पार्टी सीएए का विरोध कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इसे वापस लेने की मांग की है। जबकि, बंगाल, महाराष्ट्र समेत कांग्रेस शासित राज्यों-मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने भी कहा है कि वो अपने यहां सीएए के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू नहीं करेंगे।
 ‘एनपीआर पर आधारित है एनआरसी’
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्‍बल ने कहा कि एनआरसी एनपीआर पर आधारित है। एनपीआर स्थानीय रजिस्ट्रार द्वारा लागू किया जाएगा, जिसे राज्य सरकारें नियुक्त करती हैं। ऐसे में राज्य सरकारें ज्यादा से ज्यादा यह तो कह सकती हैं कि वो केंद्र सरकार की मदद के लिए अपने अधिकारी को नहीं लगाएंगी। लेकिन व्यवहारिक रूप में ऐसा संभव है या नहीं उसको लेकर वह कुछ निश्चित नहीं कह सकते।
प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना
केरल लिटरेचर फेस्टिवल में सीएए पर राज्यों को आईना दिखाने के बाद कपिल सिब्बल इस कानून के विरोध में आयोजित रैली में पहुंचे तो पूरी तरह से कांग्रेसी नजर आए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सीएए पर झूठ फैला रही है। प्रधानमंत्री मोदी देश की समस्याओं को सुलझाने की जगह पाकिस्तान को लेकर सपने देख रहे हैं। सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री सुबह उठते हैं तो पाकिस्तान की बात करते हैं। संसद में बोलते हैं तो पाकिस्तान को लेकर बात करते हैं। वह पूरी तरह से भारत को भूल गए हैं।
बता दें कि सीएए को कई राज्य सरकारों ने लागू करने इंकार कर दिया है। साथ ही इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।