फर्रुखाबाद: जनपद के अस्पताल संचालकों नें जिलाधिकारी द्वारा जाँच कमेटी गठित होंने के बाद अपना आक्रोश व्यक्त किया है| उन्होंने एक आईएमए के पदाधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनके अस्पताल की भी गहनता से जाँच कराने की मांग की|
शुक्रवार को दर्जनों अस्पताल संचालन जिलाधिकारी कार्यालय पंहुचे और उन्होंने आईएमए
के एक पदाधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की| संचालकों ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि सबसे जादा जाँच की जरूरत उन्ही के अस्पताल को है| वही छोटे अस्पताल संचालकों का विरोध कर रहे है|
अस्पताल संचालकों नें कहा कि हम कम पैसे में उपचार करते है जिससे गरीब को इलाज मिलता है| लेकिन बड़े और आईएमए से सम्बन्धित अस्पताल महंगे है| जिससे गरीब मरीज को उपचार नही मिल पाता|
जिलाधिकारी और सीएमओ के सामने रखी यह मांगे
अस्पताल संचालकों नें जनपद में रजिस्टर्ड एवं गैर पंजीकृत की जाँच एवं कार्यवाही की जाए| सरकारी चिकित्सक जो 100 बीएड का अस्पताल चला रहे है क्या वो इस म,मानक के तहत आते है| आईएमए की सदस्य ठीक क्या मानक पूर्ण कर रही है| आई सीयू के रेट निर्धारित किये जाये| आपरेशन के नाम पर आशाओं द्वारा मरीजों का शोषण बंद किया जाये|
इस दौरान अमित, रमन शर्मा, नागेंन्द्र प्रताप सिंह, प्रवेश कुमार, अरुण कुमार, विनोद राजपूत, करन सिंह, राजीव कुमार, कुलदीप, जय प्रकाश आदि अस्पताल संचालक रहे|