फर्रुखाबाद: बेसहारा गोवंश के संरक्षण, सुरक्षा और आश्रय को लेकर दावे जो भी हों पर सड़क पर घूमते बेसहारा बेजुबानों के लिए पशु आश्रय स्थल बेमानी है। इन दिनों तापमान गिरता जा रहा है। कोहरा ऐसा कि जैसे हल्की बारिश हो रही हो। इंसान रजाई एवं ऊनी कपड़ों के जरिए ठंड से लड़ रहा है पर बेसहारा मवेशियों के पास कुछ भी नहीं है।
नगर के आलू मंडी रोड पर तो सैकड़ो की संख्या में बेसहारा मबेशी कोहरा घना होने पर बांस के झुरमुट या घने पेड़ की छांव में तो रात गुजार लेते हैं| पर दिन में पेट की आग शांत करने को जैसे ही किसी खेत में घुसते हैं, किसान ललकार कर भगा देता है। उधर दोपहर में तनिक सी धूप होते ही यह जानवर सड़क पर आ जाते हैं। इसकी बानगी कभी भी मंडी रोड पर कभी भी देखी जा सकती है।
धूप होते ही झुंड में जानवर रात भर की ठंडक से निजात पाने को आ जुटते हैं।