लखनऊ: गुजरात में पकड़े गए आइएसआइएस मॉडयूल के कनेक्शन हिंंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या से निकल रहे हैं। वहां 25 अक्टूबर 2017 को पकड़े गए उबैद मिर्जा और कासिम के मामले में गुजरात एटीएस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में उबैद मिर्जा के एक वीडियो का जिक्र भी किया गया है। जिसमें वह लखनऊ के कमलेश तिवारी की हत्या करने की बात कह रहा है।
वहीं एक अंग्रेजी अखबार में इस खबर के प्रकाशित होने पर 13 अक्टूबर को कमलेश तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एडीजी जोन लखनऊ और एसएसपी को ट्वीट किया था। जिसमें कमलेश तिवारी ने बड़ी साजिश के बावजूद सुरक्षा बढ़ाने के आवेदन पर कोई निर्णय न लिये जाने पर नाराजगी जताई थी।
दरअसल, हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद 2015 में धार्मिक टिप्पणी के बाद उनको एनएसए लगाकर जेल भेजा गया था। जेल से छूटने के बाद उनके परिवार की सुरक्षा के लिए दो गनर के साथ आठ पुलिसकर्मी दिए गए थे। वर्ष 2017 में पुलिसकर्मी हटा दिए गए। गनर भी एक कर दिया गया था। कमलेश ने 27 जून को भी सुरक्षा बढ़ाने के लिए डीएम आवास के सामने प्रदर्शन किया था। पिछले महीने ही कमलेश तिवारी ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए डीएम और एसएसपी को आवेदन किया था। कमलेश तिवारी के घर पर मिठाई के जिस डिब्बे में चाकू और पिस्टल को रखकर लाया गया था। उसे 16 अक्टूबर की रात 9:30 बजे सूरत के उद्योगनगर उधना स्थित धरती फूड प्रोडक्ट प्रा. लि. से खरीदा गया था। डिब्बे में 680 रुपये प्रति किलोग्राम वाली पिस्ता घारी को 530 रुपये देकर 750 ग्राम खरीदा गया था।
तो विमान से आए हत्यारे
सूूरत से 16 अक्टूबर की रात 9:30 बजे मिठाई खरीदने के बाद हत्यारे विमान से लखनऊ आए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि सूरत से लखनऊ के लिए 17 अक्टूबर की सुबह तीन बजे केवल एक ही ट्रेन 19037 अवध एक्सप्रेस थी। जो कि टूंडला की नॉन इंटरलाकिंग के डायवर्जन के कारण बदले रूट से शुक्रवार दोपहर तीन बजे पहुंच सकी थी। ऐसे में वह अहमदाबाद जाकर सीधे विमान से लखनऊ आए होंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है।
20 को लखनऊ में थी पार्टी की बैठक
कमलेश तिवारी सोशल मीडिया पर हिंदुुओं के मामलों को लेकर मुखर भी थे। पश्चिम बंगाल में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या के विरोध में जीपीओ में उनकी पार्टी ने प्रदर्शन किया था। कमलेश तिवारी 22 अक्टूबर को कोलकाता कूच करने जा रहे थे। इससे पहले 20 अक्टूबर को अमीनाबाद के गंगा प्रसाद मेमोरियल सभागार में पार्टी के प्रदेश भर से 500 कार्यकर्ताओं की बैठक होने वाली थी।
सिर कलम करने का था 51 लाख इनाम
कमलेश तिवारी का सिर कलम करने के लिए बिजनौर के कीरतगढ़ निवासी मोहम्मद मुफ्ती नईम ने 51 लाख रुपये और इमाम मौलाना अनुवारुल हक ने 1.5 करोड़ रुपये का इनाम रखा था। दोनो ही मौलानाओं के खिलाफ कमलेश तिवारी की पत्नी किरन तिवारी ने नाका थाना में मामला दर्ज कराया है।
मंत्री ने कहा जल्द पकड़े जाएंगे हत्यारे
प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कमलेश तिवारी की हत्या पर दुख जताते हुए कहा है कि उनके हत्यारों को पुलिस जल्द गिरफ्तार करेगी।