अजय कुमार लल्लू बने प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में फिर से खड़ा होने की कोशिश कर रही कांग्रेस ने सोमवार रात अपने प्रदेश अध्यक्ष को बदलकर इसकी शुरुआत कर दी है। पार्टी ने राजबब्बर को हटाकर अब प्रदेश की कमान कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू को सौंप दी है। राज बब्बर ने लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।
इसके साथ ही पार्टी ने आराधना मिश्रा को अजय कुमार की जगह विधायक दल का नेता बनाया गया है। पार्टी ने प्रदेश इकाई को भी नया रूप दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिवों और सचिवों की भी घोषणा की गई है। इसमें पांच उपाध्यक्ष, 12 महासचिव और 24 सचिवों को शामिल किया गया है।
वैश्य (ओबीसी) समाज से आने वाले अजय कुमार लल्लू दो बार के विधायक हैं। यूपी कांग्रेस में बड़ा फेरबदल करते हुए पार्टी ने अजय कुमार लल्लू पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ ही पदाधिकारियों की सूची भी जारी कर दी गई है। यूपी कांग्रेस में 4 उपाध्यक्ष भी बनाए गए हैं। वीरेंद्र चौधरी, पंकज मलिक उपाध्यक्ष, ललितेश त्रिपाठी,दीपक कुमार उपाध्यक्ष होंगे। इसके साथ ही 12 महासचिव और 24 सचिव भी बनाए गए हैं। नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सभी को ठोस जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके साथ ही सभी की जवाबदेही भी तय होगी।
18 सदस्यों की सलाहकार परिषद गठित
उत्तर प्रदेश में पार्टी को खड़ा करने की कोशिश में जुटी प्रियंका गांधी की मदद के लिए 18 सदस्यीय सलाहकार परिषद का भी गठन किया गया है। इसमें अजय राय, अजय कपूर, मोहसिना किदवई, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, निर्मल खत्री, प्रदीप माथुर, प्रमोद तिवारी, प्रवीण ऐरन, पीएल पूनिया, आरपीएन सिंह, रंजीत सिंह जूदेव, राजेश मिश्रा, राशिद अल्वी, सलमान खुर्शीद, संजय कपूर, विवेक बंसल और जफर अली नकवी शामिल हैं।
वर्किंग ग्रुप भी किया गया गठित
पार्टी ने रणनीति और योजना पर काम करने वाले एक आठ सदस्यीय वर्किंग ग्रुप का भी गठन किया है। इसमें जितिन प्रसाद, आरके चौधरी, राजीव शुक्ला, इमरान मसूद, प्रदीप जैन आदित्य, राजाराम पाल, ब्रजलाल खाबरी, राज किशोर सिंह जैसे कई वरिष्ठ नेताओं को रखा गया है।
ये संभालेंगे उपाध्यक्ष का पद
वीरेंदर चौधरी (संगठन-पूर्व), पंकज मलिक (संगठन-पश्चिम), ललितेश त्रिपाठी (फ्रंटल संगठन, सेल और विभाग-एनएसयूआइ, ओबीसी, किसान और महिला), दीपक कुमार (फ्रंटल संगठन, सेल और विभाग-सेवा दल, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक)।
ये होंगे महासचिव
आलोक प्रसाद पासी, विश्व विजय सिंह, चौधरी धूरम लोधी, राकेश सचान, यूसुफ अली तुर्क, अनिल यादव, राजीव त्यागी, विरेंदर सिंह गुड्डू, योगेश दीक्षित, राहुल राय, शबाना खंडेलवाल, बदरुद्दीन कुरैशी।
इनको बनाया गया सचिव
गुरमीत भुल्लर, विदित चौधरी, राहुल रिछारिया, देवेंद्र निषाद, मोनिंदर सूद वाल्मीकि, विवेकानंद पाठक, देवेंद्र प्रताप सिंह, ब्रह्मस्वरूप सागर, कैसर जहां अंसारी, रमेश शुक्ला, धीरेंद्र सिंह धीरू, सत्य संयम, प्रेम नारायण पाल, सरिता दोहरे, शहनवाज आलम, कनिष्क पांडेय, अमित सिंह दिवाकर, कुमुद गंगवार, राकेश प्रजापति, मुकेश धनकर, हरदीपक निषाद, जीतलाल सरोज, सचिन चौधरी और प्रदीप कुमार कोरी।
सस्पेंस से अब पर्दा उठ गया
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद से कांग्रेस में उठा-पटक का दौर साफ देखा जा सकता है। राष्ट्रीय स्तर से लेकर यूपी कांग्रेस में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। इसी के तहत उत्तर प्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद की तैनाती पर चले आ रहे सस्पेंस से अब पर्दा उठ गया है और कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू को यूपी प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी गई है।
आराधना मिश्रा को बनाया गया विधायक दल का नेता
पार्टी ने कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनके स्थान पर आराधना मिश्रा ‘मोना’ को विधायक दल का नेता बनाया गया है। आराधना मिश्रा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी हैं। वह प्रतापगढ़ के रामपुर खास सीट से पहली बार विधायक चुनी गई हैं। रामपुर खास सीट से प्रमोद तिवारी लगातार आठ बार 2017 तक विधायक रह चुके हैं।
अजय की कार्यशैली से प्रियंका वाड्रा काफी प्रभावित
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू कुशीनगर की तमकुहीराज विधान सभा सीट से विधायक हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ते हुए अजय कुमार ने भाजपा प्रत्याशी जगदीश मिश्र को हराया था। वह 2012 में भी कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। अजय कुमार कांग्रेस के पूर्वी यूपी के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के करीबी भी माने जाते हैं। प्रियंका जब भी यूपी के दौरे पर आती हैं तो अजय कुमार लल्लू उनके साथ ही नजर आते हैं। अजय कुमार की कार्यशैली और उनके पार्टी से जुड़ाव के कारण प्रियंका वाड्रा काफी प्रभावित हैं।
राजबब्बर ने दे दिया था अपना इस्तीफा
लोकसभा चुनाव में हार के बाद इसकी जिम्मेदारी लेते हुए राजबब्बर ने अपना इस्तीफा दे दिया था। वह स्वयं आगरा के पास फतेहपुर सीकरी संसदीय सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा था। प्रदेश में पार्टी की खराब हालत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपनी परंपरागत अमेठी सीट नहीं बचा सके थे। पूरे प्रदेश में सिर्फ कांग्रेस को एक सीट मिली थी। रायबरेली संसदीय क्षेत्र से सोनिया गांधी ने जीत हासिल की थी।