फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) वैसे तो सरकार और शासन नें लावारिश शवों के अंतिम संस्कार के लिए खाकी को धनराशि मिलती है| लेकिन कितने लावारिश शवों का विधि विधान से अंतिम संस्कार हो पाता है यह किसी से छिपा नही| शायद ही किसी नें किसी लावारिश मिले व्यक्ति की चिता जलती हुई देखी हो| लेकिन इससे बिल्कुल अलग एक थानाध्यक्ष नें खाकी की साख को सराहना के सितारों से जड़ने का काम किया| जब एक मृतक के परिजनों नें शव को लेंने से मना कर दिया तो थानाध्यक्ष ने सहयोगियों की मदद से उसके शव का अंतिम संस्कार कराया बल्कि उसे मुखाग्नि भी दी!
मामला यह है कि थाना मऊदरवाजा क्षेत्र के मोहल्ला टाउनहाल निवासी सोनू बाथम 35 पुत्र स्व रामबाबू बाथम काफी दिनों से बीमार चल रहा था। पड़ोसी सर्वेश ने उसको राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती करा दिया था।इलाज के दौरान बुधवार को उसकी मौत हो गई ।अस्पताल प्रसाशन द्वारा उसकी मौत की सूचना थाना पुलिस को दी गई।पुलिस ने पंचनामा भरकर उसका पोस्टमार्टम कराया उसके साथ ही मृतक सोनू के छोटे भाई बाथम को फोन से अंतिम संस्कार करने के लिए पुलिस ने बुलाया तो उसने आने से साफ मना कर दिया।
जिसके बाद थानाध्यक्ष डॉ० विनय प्रकाश राय नें काफी प्रयास किया लेकिन मृतक के परिजनों नें उसका शव लेनें से इंकार कर दिया| इसके बाद थानाध्यक्ष नें मानवता की मिशाल पेश की| उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से शव को पांचाल घाट पंहुचाया और उस शव के साथ वह नही किया जो अक्सर पुलिस लाबरिश को गंगा में फेंक कर करती है| उनके साथ गये पुलिस कर्मियों व सहयोगियों नें मृतक सोनू के लिए चिता सजाई| इसके बाद थानाध्यक्ष नें हिन्दू-रीति रिबाज के साथ उसके शव का अंतिम संस्कार किया| श्मशान घाट पर पुलिस का यह चेहरा देखकर हर किसी नें उसे सराहा|