अब दूध दही के साथ ही 10,800 रुपया वार्षिक भी देंगी ‘गौ माता’

FARRUKHABAD NEWS जिला प्रशासन सामाजिक

फर्रुखाबाद:(व्यूरो) सड़कों पर आवारा पशुओं की तरह घूम रही गौ माता अब दूध दही ही नहीं महीने के 900 रुपए भी दिलवाएंगी। मतलब यह है कि जो लोग अब तक बेसहारा पशुओं को उनका दूध निकालने के बाद छोड़ दिया करते थे, वह लोग अगर गाय की सेवा करेंगे तो उनको सरकार 900 रुपए महीना देगी। सरकार की इस नई पहल से जहां गोवंश को सड़कों पर भटकना नहीं पड़ेगा, वहीं ग्रामीण अब अपनी गायों की अच्छी तरह से देखभाल भी कर सकेंगे। इन गोवंश को पशुधन विभाग ग्रामीणों को उपलब्ध कराएगा। इस नई व्यवस्था की प्रक्रिया जल्द जिलें में शुरू होनें वाली है|
बेसहारा गोवंश के भरण पोषण और संरक्षण के लिए प्रतिमाह ये रकम सीधे ग्रामीणों के खाते में भेजा जाएगी। सीबीओ  डॉ. राजकिशोर सिंह ने बताया कि पूरे जिले में करीब 1800 गोवंश या गाय को इच्छुक लोगों के संरक्षण में दिया जाना है। गोवंश को किसी भी दशा में किसान न बेचेंगे और न ही छोड़ेंगे। सीबीओ ने बताया कि जानवरों की समस्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
30,000 से ज्यादा बेसहारा गोवंश हैं
जिले में एक मोटे आंकड़े के मुताबिक 30,000 से ज्यादा गोवंश बेसहारा हैं और आवारा पशुओं की तरह सड़कों पर घूमते हैं। इनकी सबसे ज्यादा तादाद नगर के सातनपुर आलू मंडी ही देखने को मिल जायेगी| जहां यह गोवंश झुंड के झुंड खुलेआम सड़कों पर या खेतों में घूमते फिरते दिखाई देते हैं। कई बार यह सड़क हादसों का सबब बन जाते हैं, तो कई बार यह इंसानों को ही नुकसान पहुंचा देते हैं। इन्हीं हालातों के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है। वही जिला पशु चिकित्साधिकारी नें बताया की सभी विकास खंड क्षेत्रों में बनें गौशालाओं में गाय, गौबंश मिलाकर 4 हजार ही पशु है|
एक व्यक्ति को मिलेंगे केबल चार गाय या गौवंश
सरकार ने सरकारी गौशालयों से आवारा पशुओं को अपने संरक्षण में लेनें के लिए केबल चार गौबंश या गाय देनें की व्यवस्था की है| जिसके चलते वह सरकारी गौशालयों से गाय या गौबंश ले सकता है| उसे टैंग लगा हुआ गौबंश या गाय ही दी जायेगी| यदि चार गाय या गौबंश किसान लेता है तो उसे 900 के हिसाब से 10,800 सौ रूपये वार्षिक सीधे  खाते में सरकार देगी|
ये करना होगा गो संरक्षण के आवेदक को
किसानों की चयन प्रक्रिया के बारे में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी  ने बताया कि पशुपालकों को कान में टैग लगे पशु ही उपलब्ध कराए जाएंगे।  किसानों को यह धनराशि मुहैया कराई जाएगी। उन किसानों को सौ रुपये के स्टांप पेपर में प्रमाण देना होगा कि वह गोवंश के दूध न देने पर उनको आवारा नहीं छोड़ेंगे।