लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में जिला के साथ ही बूथ व मंडल कार्यसमिति का गठन जल्दी होगा। भाजपा कार्यालय में बैठक के बाद शनिवार को चुनाव की तारीख पर मुहर लगी है। भारतीय जनता पार्टी सदस्यता अभियान के बाद अब बूथ स्तर से कार्यकारिणी मजबूत करने की तैयारी में हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को संगठन चुनाव की तारीखें तय कर दी हैं। प्रदेश में भाजपा के बूथ स्तर के चुनाव 11 सितम्बर से होंगे। इसके बाद 11 अक्टूबर से मण्डल और 11 फिर नवम्बर से जिले के चुनाव होंगे। इस बड़े चुनाव से पहले बूथ और सेक्टरों का परिसीमन होगा। प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग गठित किया गया है।
भाजपा के संगठन चुनाव को लेकर शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बैठक हुई। इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय निर्वाचन अधिकारी राधा मोहन सिंह और प्रदेश पदाधिकारी मौजूद थे।
योगी आदित्यपाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तेज
प्रदेश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा एक बार फिर से जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अचानक शुक्रवार को दिल्ली पहुंचने के बाद से तो इसको बल मिल गया। दिल्ली के एम्स अस्पताल में अरुण जेटली का हाल जानने के बाद योगी आदित्यनाथ व अमित शाह की अमित शाह के घर पर मुलाकात हुई।
माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ और स्वतंत्र देव सिंह ने मंत्रिमंडल के विस्तार पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की। मौजूदा सीटों की स्थिति के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 60 सदस्यों का मंत्रिपरिषद हो सकता है। जब मुख्यमंत्री के रूप में योगी ने शपथ ली थी तब 47 सदस्यों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। इसमें से तीन मंत्री सांसद बनने की वजह से इस्तीफा दे चुके हैं। सांसद बनने वाले मंत्रियों में रीता बहुगुणा जोशी, सत्यदेव पचौरी व डॉक्टर एसपी बघेल हैं। इसके अलावा भाजपा सरकार की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से निकाला गया है। मौजूदा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी अध्यक्ष पद ग्रहण करने से पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। जिसकी वजह से पांच मंत्रियों की संख्या कम हो गई है और प्रदेश में सरकार बनने के बाद एक बार भी योगी के मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार नहीं हुआ है।
जातीय संतुलन साधने की कोशिश
मंत्रिपरिषद में जातीय संतुलन बनाने की जो कोशिश की गई थी, वह भी इस वक्त पटरी पर नहीं है। संघ और पार्टी के सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ मौजूदा हालात में मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरों को शामिल करना चाहते हैं और कुछ लोगों को तरक्की देना चाहते हैं साथ ही कुछ का कद भी घटाना चाहते हैं। बहुत जल्द इसमें बदलाव पर मुहर लगने के बाद योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में विस्तार किया जा सकता है।