फर्रुखाबाद: जाहरवीर गोगा महाराज के निशान को पूरी श्रद्धा और आन बान शान के साथ निकाले गए। फतेहगढ़ कोतवाली से निशान यात्रा दोपहर बाद शुरू हुई। सीएमओ कार्यालय के पास जाहरवीर गोगा मंदिर में भगतों ने निशानों की पूजा की। इस दौरान मेन रोड को बंद कर दिया गया था।
गोगा जी महाराज वार्षिकोत्सव मेला कमेटी के द्वारा फतेहगढ़ में मेले का आयोजन किया गया| जिसमे फर्रुखाबाद, फतेहगढ़ के अलावा धीरपुर, कमालगंज, बिबियापुर, रजीपुर, अमेठी नरायनपुर, छिबरामऊ, गुरसहायगंज, अलीगंज, कंधरापुर, दारापुर आदि जगहों से 84 लोग लोग निशान लेकर पंहुचे| निशानों को फतेहगढ़ कोतवाली के पास रखा गया। यहां निशानों की पूजा की गई।
मेले में सदर विधायक मेजर सुनील दत्त, भोजपुर विधायक नागेन्द्र सिंह राठौर ने यात्रा का शुभारम्भ किया| ढोल नगाड़ों की धुनों पर निशान यात्रा शुरू हुई। मोरपंख, रंगीन पन्नी व चित्रों से सजा गये निशान सेवक कमर में बंधे पट्टे पर रखकर चल रहे थे। निशान यात्रा के दौरान रोड पर महिला, पुरुष व बच्चों की बेशुमार भीड़ थी। बच्चे छोटे कम वजन के निशान लिए हुए थे। जाहरवीर गोगा मंदिर के पास हवन किया गया। यहां निशानों का पूजन किया गया। इसकेे बाद प्रसाद बांटा गया। पूजन के बाद जाहरवीर गोगा मंदिर से भगत व सेवक निशानों को वापस ले गए हैं।
मेन रोड बंद, रूट डायवर्ट
निशान यात्रा को लेकर फतेहगढ़ कोतवाली के सामने से तिराहा को बंद कर दिया गया था। फतेहगढ़ चौराहे से अंबेडकर तिराहा तक आम लोगों के निकलने पर रोक लगा दी गई। लोग फतेहगढ़ से जिला जेल चौराहा, सातनपुर रोड होते हुए फर्रुखाबाद पहुंचे। फतेहगढ़ चौराहा से कैंट, मसेनी व अंबेडकर तिराहा से मूक बधिर स्कूल के सामने से जेल रोड पहुंचे। बड़े वाहनों व टेंपों को भोलेपुर रोक दिया गया था।
डगमगाए लेकिन संभाले रहे निशान
कड़ी धूप से सेवकों, भगतों व श्रद्धालुओं को खासी दिक्कत हुई। निशान बनाने वाले व इन्हें उठाने वाले परंपरा के अनुसार नंगे पैर थे। धूप में सड़क तप रही थी। वजनी निशान उठाए सेवक कई बार डगमगाए लेकिन इन्होंने निशानों को संभाले रखा। निशान के जमीन पर गिरने से सामाजिक कार्रवाई का रिवाज है। निशान के गिर जाने पर सामूहिक भोज कराना पड़ता है।
श्रद्धा के साथ देश भक्ति भी
निशानों को सेवकों ने खूब सजाया था। इनमें मोर पंख लगे थे। इसके साथ ही निशानों पर भारत का नक्शा, सुभाष चंद्र बोस के फोटो भी लगाए गए थे। गदा,सर्प व विभिन्न मंदिरों की आकृतियां भी उभारी गई थीं। निशानों को सूखे नारियल, बेला व गुलाब के फूलों से भी सजाया गया था।
सबसे ऊँचा था 51 फीट का निशान
सभी 84 निशानों में फ़तेहगढ़ के ग्वालटोली निवासी अरविन्द वाल्मीकि का निशान सबसे ऊँचा 51 फीट का जो आकर्षण का केंद्र रहा|
कमेटी के संरक्षक श्याम वाल्मीकि, अध्यक्ष श्रीकृष्ण वाल्मीकि ने प्रमुख लोगों को गोगा जी के चित्र भेट किये| इस दौरान सांसद मुकेश राजपूत की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सौभाग्यवती राजपूत, विनोद, दिनेश कुमार, लालू, माइकल, पन्नालाल आदि रहे|