नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के लिए सोमवार को ऐतिहासिक बदलाव की पेशकश की। उन्होंने यहां से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश की। इस बदलाव को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी दे दी गई है। बसपा की ओर से भी इसे समर्थन दे दिया गया है। गृह मंत्री के इस जवाब पर राज्य सभा में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। इसमें सिर्फ एक खंड रहेगा। उन्होंने जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किया। जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। लद्दाख भी अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा।
बसपा का समर्थन लेकिन जेडीयू, नेका ने जताया विरोध
राज्यसभा में ‘लोकतंत्र की हत्या नहीं चलेगी’ के नारे लगाए जा रहे हैं। बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, ‘हमारी पार्टी की ओर से पूरा समर्थन है। हम चाहते हैं कि यह विधेयक पारित हो जाए। हमारी पार्टी किसी तरह का विरोध नहीं दर्ज करा रही है।’ लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने अपना समर्थन देते हुए कहा, ‘मैं लद्दाख के नागरिकों की ओर से विधेयक का समर्थन करता हूं। जनता इसे केंद्र शासित क्षेत्र बनाना चाहती है। जो आज हो रहा है।’ जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा, ‘हमारे प्रमुख नीतिश कुमार जेपी नारायण, राम मनोहर लोहिया व जार्ज फर्नांडीस की परंपरा को आगे ले जा रहे हैं। इसलिए पार्टी विधेयक का समर्थन नहीं करती है। हमारी सोच अलग है। हम नहीं चाहते हैं कि अनुच्छेद 370 हटाया जाए।’ इसपर नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने विरोध जताते हुए कहा कि इसके खतरनाक और गंभीर परिणाम होंगे।
गृहमंत्री का बयान-
– अनुच्छेद 370 पर ये विधेयक ऐतिहासिक है
– यह पहली बार नहीं, कांग्रेस ने भी 1952 और 1962 में इसी तरह अनुच्छेद 370 को संशोधित किया था इसलिए विरोध के बजाए कृप्या मुझे बोलने दें और चर्चा करें, मैं आपके सभी शंकाओं को दूर करूंगा और सभी तरह के सवालों के जवाब दूंगा।
– अनुच्छेद 370 को साधारण बहुमत से पारित करा सकते हैं
– उन्होंने कहा, ‘अनुच्छेद 370 के तहत तीन परिवारों ने सालों जम्मू कश्मीर को लूटा।’
– अनुच्छेद 370 को हटाने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए। हमें वोट बैंक नहीं बनाना है।
– भाजपा के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं, विपक्ष के लोग बेखौफ होकर चर्चा करें।’
संविधान फाड़ने की कोशिश
राज्य सभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने पीडीपी के मिर फयाज और नजीर अहमद को सदन से बाहर जाने को कहा। दोनों ने संविधान फाड़ने की कोशिश की थी।
राज्यसभा में मार्शल बुलाने के आदेश
इस विधेयक पर विरोध दर्शाते हुए पीडीपी सांसदों ने अपने कपड़े फाड़ दिए। वहीं विरोधी दल के सांसद राज्यसभा में जमीन पर बैठ गए। राज्यसभा अध्यक्ष को सदन में मार्शल बुलाने पड़े। प्रधानमंत्री कई राज्यों के मुख्यमंत्री से बात करेंगे। 7 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे। लद्दाख को भी बिना विधानसभा केंद्रशासित प्रदेश की मंजूरी मिल गई है।गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने गृहमंत्री के बयान से पहले ही कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में युद्ध जैसे हालात हैं, पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद क्यों कर दिया गया है। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कश्मीर पर किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार हूं।‘
इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में ये बदलाव होंगे-
– इसका अलग झंडा नहीं होगा
– कश्मीर में अन्य राज्यों से लोग ले सकेंगे जमीन
– दोहरी नागरिकता होगी खत्म