सावन आया रे: कुछ इस तरह मिलती है नौकरी वाले शिवजी की कृपा

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फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) फर्रुखाबाद को वैसे तो छोटी काशी कहा जाता है| हम में से जादा से जादा लोग यह भी जानते होंगे कि इसे छोटी काशी क्यों कहा जाता है| क्यों की जनपद में भगवान भोलेनाथ के मन्दिरों की भरमार है| लेकिन यह कम लोग ही जानते है कि आखिर जिले में सर्वाधिक शिव मन्दिर कहा है| उनका इतिहास में महत्व क्या है| सावन के महीने में जेएनआई उन शिव मन्दिरों की जानकारी पाठको तक पंहुचाने का प्रयास करेगा जो शिव मन्दिर चमत्कारी होने के बाद भी जनता की जानकारी से काफी दूर है| इसी तरह का एक मन्दिर फर्रुखाबाद के माधोपुर में है| जिसके दर्शन कर यदि आप नौकरी पाने की चाह करे तो आप की यह मनो कामना जरुर पूरी होगी|
शहर के अंगूरीबाग से माधोपुर मार्ग में एक बड़े-बड़े हरे-भरे पेड़ो के बीच एक विशाल मन्दिर स्थित है| जिस को रंग बदलने वाले शिवजी कहा जाता है| मन्दिर के मंदिर के दक्षिण, उत्तर, पश्चिम में हनुमान जी की स्थापना है| उसके बीच मेंमन्दिर के अंदर विशाल शिवलिंग बना हुआ है| मन्दिर कि बीते चालीस वर्षो से सेवा कर रहे महंत बंशीवाले ने बताया कि शिव लिंग में एक विशेषता है कि यह शिवलिंग सुबह, शाम व दोपहर में रंग बदलता है| जो श्रद्धालुओं के आस्था का आकर्षण का केंद्र है|
मन्दिर के वारे में महंत बंशीवाले से एक बात बताई की यदि कोई सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ के दरवार में आकर सर झुकता है| तो वह आर्मी या पुलिस में नौकरी शत प्रतिशत पा लेता है| उन्होंने बताया की केबल माधोपुर गाँव के तकरीबन एक सैकड़ा युवा मन्दिर नौकरी पा चुका है| मन्दिर में दर्शन के लिए अन्य जिलो के श्रद्धालु आकार अपना माथा टेकते है| लेकिन जनपद से मन्दिर में रंग बदलने वाले शिवजी के दर्शन करने वालो की संख्या बहुत ही कम रहती है| सावन महीने में मन्दिर में माथा टेकने वाले को शिव जी की विशेष कृपा मिलती है|