लखनऊ: मिलावटी शराब से होने वाली मौतों और निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत वसूलने पर अंकुश लगाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। आबकारी नीति 2019-20 में संशोधन करते हुए नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। सोमवार को कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। अब अगर शराब में मिलावट हुई तो जुर्माना वसूल करने के बजाय लाइसेंस रद किया जाएगा। इसमें गैंगस्टर से लेकर रासुका तक का प्रावधान किया गया है और अवैध ढंग से कमाई गई संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
कुछ डिस्टलरी अपनी अधिकतम उत्पादन क्षमता के अनुरूप उत्पादन एवं निकासी करने के बाद भी तीन दिन के भीतर इंडेंट के सापेक्ष आपूर्ति नहीं कर पा रही थी, जबकि तीन दिन तक होलसेल का इंडेंट न देने पर 0.5 प्रतिशत ब्याज या इससे अधिक समय पर पांच हजार रुपये प्रतिदिन जुर्माना लगता है। अब यह प्रावधान ऐसी इकाइयों पर लागू नहीं होंगे, जिनके द्वारा अपनी अधिकतम मासिक उत्पादन क्षमता के अनुरूप उत्पादन करते हुए निकासी की गई हो। हर डिस्टलरी पर इंडेंट आन लाइन प्राप्त किए जाएंगे।
लाइसेंस जारी करने के लिए नियमावली में संशोधन होने से छोटी डिस्टलरियों की क्षमता 600 लीटर प्रतिदिन तथा दो लाख दस हजार लीटर प्रतिवर्ष से अधिक नहीं होगी। इन्हें होटल, रिसॉर्ट, रेस्टोरेंट, वाणिज्यिक क्लबऔर बार परिसर में ग्राहकों के उपभोग के लिए स्थापित किया जा सकेगा। इसके लाइसेंस का शुल्क 50 हजार रुपये तथा आवेदक की उम्र 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। लघु डिस्टलरी के लाइसेंस के लिए दो लाख रुपये लाइसेंस फीस तथा एक लाख रुपये की जमानत राशि निर्धारित की गई है। नई नियमावली के तहत अब रेस्टोरेंट में 20, 30 और 50 लीटर के बीयर केन रख सकेंगे।
पहले यह प्रावधान केवल 50 लीटर का था। बड़े रेस्टोरेंट एवं होटल में चार हजार रुपये से ऊपर की ब्रांड का मोनो कार्टेज रखने की भी अनुमति दे दी गई है। पहले गारंटी के लिए केवल बचत पत्र लिया जाता था, लेकिन अब ई-पेमेंट और एफडीआर भी लिया जाएगा। सरकार अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दाम लेने पर दुकानदार पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत लेने पर पहली बार पकड़े जाने पर जुर्माना की राशि 75 हजार और दूसरी बार डेढ़ लाख कर दिया गया है। पहले यह 10 हजार, 20 हजार और 30 हजार रुपये क्रमश: ली जाती थी। अब तीसरी बार पकड़े जाने पर लाइसेंस रद कर दिया जाएगा।