Eid-ul-Fitr 2019: देशभर में ‘ईद’ की धूम, राष्ट्रपति कोविंद ने दी देशवासियों को बधाई

FARRUKHABAD NEWS

आज देशभर में ईद-उल-फितर का त्योहार पूरे जश्न के साथ मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देशवासियों को ईद की बधाई दी है। देशभर में मस्जिदों में आज नमाज अदा की जा रही है। ईद के मौके पर बाजारों में रौनक देखते ही बन रही है, वहीं ईद को लेकर बच्चों में भी खासा उत्साह देखा गया। देशभर में ईद के मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं।
देशभर में ‘ईद’ की धूम आपको बता दें कि मंगलवार शाम को ईद का चांद नजर आया, जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने ऐलान किया कि भारत में ईद बुधवार को मनाई जाएगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को ईद की बधाई दी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘रमजान के पवित्र महीने के समापन को चिह्नित करते हुए यह त्योहार दान, बंधुत्व और करुणा में हमारे विश्वास को मजबूत करता है. इस दिन हम अपने आपको इन शाश्वत मूल्यों के लिए फिर से समर्पित करें जो हमारी सभ्यता की विशेषता हैं।

राष्ट्रपति कोविंद ने देशवासियों को दी ईद की बधाई ईद उल-फितर मुस्लिम समाज रमज़ान उल-मुबारक के एक महीने के बाद मनाते हैं, इस्लामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चांद के दिखने पर शुरू होता है। मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं। पूरे विश्व में ईद की खुशी पूरे हर्षोल्लास से मनाई जाती है।
ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं एक महीने का रोजा या उपवास की समाप्ति की खुशी के अलावा इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि उन्होंने महीने भर के उपवास रखने की शक्ति दी। ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है। सेवईं इस त्योहार की सबसे जरूरी खाद्य पदार्थ है जिसे सभी बड़े चाव से खाते है, ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की प्रार्थना से पहले हर मुसलमान का फ़र्ज़ है कि वो दान या भिक्षा दे। इस दान को ज़कात उल-फितर कहते हैं।
चांद देखने के बाद ही ईद क्यों? ईद-उल-फितर हिजरी कैलेंडर के 10वें माह के पहले दिन मनाई जाती है। हिजरी कैलेंडर में नया माह चांद देखकर ही शुरू होता है। जब तक चांद नहीं दिखे, तब तक रमजान का महीना खत्म नहीं माना जाता है। रमजान का महीना खत्म होने के बाद ही नए माह के पहले दिन ईद मनाई जाती है। माना जाता है कि इसी दिन हजरत मुहम्मद मक्का से मदीना के लिए निकले थे।