लखनऊ:लोकसभा चुनाव 2019 में अमेठी से जीत दर्ज करने वाली स्मृति जुबिन ईरानी अपने करीबी सुरेंद्र सिंह की हत्या की सूचना से काफी द्रवित हैं। दिल्ली से लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अमौसी पर उतरने के बाद स्मृति ईरानी सड़क मार्ग से अमेठी पहुंची।
सुरेंद्र सिंह के घर पहुंचकर स्मृति ईरानी ने उनकी पत्नी, बेटियां और बेटे से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि अब इस परिवार को संभालने की जिम्मेदारी मेरी है। मैंने सुरेंद्र सिंह जी के परिवार के सामने शपथ ली है कि जिसने गोली चलाई और जिसने आदेश दिया, उन अपराधियों को मौत की सजा दिलाने के लिए भले ही मुझे सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े, तो हम अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे। इसके बाद हजारों लोगों की भीड़ के बीच स्मृति इरानी ने सुरेंद्र के शव को कंधा देते हुए शमशान तक पहुंचाया।
वहीं, सुरेंद्र सिंह की पत्नी रुक्मणी सिंह ने कहा कि स्मृति ईरानी ने मुझसे मुलाकात की और आश्वासन दिया है कि वह मेरे बच्चों की देखभाल खुद करेंगी और हमें सुरक्षा भी देंगी। यह एक राजनीतिक लड़ाई थी, मेरे पति ने दीदी को जीतने में सहयोग दिया है। उधर, सुरेंद्र के पुत्र अभय सिंह ने कहा कि हमें न्याय मिलना चाहिए।
अंतिम संस्कार में शामिल हुए दिग्गज
रास्ते भर जब तक सूरज चांद रहेगा, सुरेंद्र सिंह का नाम रहेगा का नारा गूंजता रहा। जहां उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इस मौके पर राज्यमंत्री सुरेश पासी, मोहसिन रज़ा, मायंकेश्वर शरण, दल बहादुर, गजाधर सिंह, जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी समेत हजारों लोग मौजूद हैं।
कर्मठ जनसेवक, कुशल संघटक, निष्ठावान कार्यकर्ता – सुरेंद्र सिंह जी की दिवंगत आत्मा को प्रणाम।
इनपर मुकदमा दर्ज
वहीं, पुलिस ने क्षेत्र पंचायत सदस्य व कांग्रेस नेता रामचंद्र, वसीम, नसीम, गोलू और धर्मनाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बता दें, अमेठी में शनिवार देर रात स्मृति ईरानी के करीबी भाजपा नेता पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर गई। इस हत्या की जानकारी मिलने के बाद स्मृति ईरानी का अब दिल्ली से लखनऊ होकर अमेठी पहुंची।
अमेठी के तिलोई से विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह ने बरौलिया गांव जाकर पुलिस अधिकारियों से घटना की जानकारी ली है। इस हत्या से अमेठी के बरौलिया गांव के साथ ही पास के भी क्षेत्र में कोहराम मचा हुआ है। अमेठी में प्रचार के दौरान स्मृति के साथ हर चुनावी मंच साझा करने वाले पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या के बाद गांव में आक्रोश है।