संस्कार भारती की ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का शुभारम्भ

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फर्रुखाबाद: कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया|
नगर के सेनापति स्थित सरस्वती शिशु मंदिर मेंआयोजित कार्यक्रम में माँ सरस्वती व हरिभाऊ वाकडकर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया गया|  कार्यक्रम का प्रारंभ संस्कार भारती के ध्येय गीत साधयति संस्कार भारती से हुआ। सचिव आकांक्षा सक्सेना ने सभी आगुन्तकों का स्वागत किया। कार्यकारी अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने सभी प्रशिक्षिकाओं का परिचय कराते हुए कहा कि हस्तकला सिलाई का प्रशिक्षण श्रीमती साधना श्रीवास्तव सौन्दर्यकला श्रीमती हेमलता श्रीवास्तव, लोकनृत्य श्रीमती रजनी लौंगवानी, व कोमल शर्मा मेंहदी, प्रिया वर्मा चित्रकला, श्रीमती नेहा सक्सेना ढोलक, किरण त्रिवेदी कथक अंजली चैहान प्रशिक्षिकायें प्रशिक्षण दे रही है। कार्यशाला संयोजक अर्पण शाक्य ने कहा कि इस वर्ष की कार्यशाला संस्कार भारती के संस्थापक महामंत्री पद्मश्री डा0 हरिभाऊ वाकडकर जी को समर्पित है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्कार भारती के संरक्षक ओम प्रकाश मिश्र कंचन ने कहा कि भारतीय कला एवं संस्कृति के संरक्षण का कार्य संस्कार भारती कर रही है। संस्था का उद्देश्य ललित कलाओं एवं साहित्य के माध्यम से आम जनमानस में संस्कारों का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से छात्रों में व्यक्तिव का विकास एवं आत्मनिर्भता आती है।
प्रान्तीय महामंत्री सुरेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि संस्कार भारती ने 64 कलाओं को आठ विधाओं में विभिक्त किया है जो कि संगीत, नृत्य, नाट्य, चित्रकला, साहित्य भू-अलंकरण प्राचीन एवं लोक कला है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में संस्कार भारती कार्यशलाओं के माध्यम से कलाकारों को तरासने का कार्य कर रही है। कानपुर प्रान्त में चित्रकूट, बांदा, झांसी, कानपुर फर्रुखाबाद, कायमगंज में कार्यशाला आयोजित कर एक संस्कारित समाज का निर्माण में संस्कार भारती अपना योगदान दे रही है।
अध्यक्ष संजय गर्ग ने सभी को धन्यबाद दिया। कार्यक्रम का संचालन विभाग संयोजक अरविन्द दीक्षित ने किया। इस अवसर पर निर्वतमान अध्यक्ष डा0 रवीन्द्र यादव, कोषाध्यक्ष आदेश अवस्थी, दिवसाधिकारी डा0 समेन्द्र शुक्ल ‘कवि‘, डा0 राकेश गंगवार, अजय दीक्षित, रामेन्द्र कामठान, अनुभव सारस्वत, अभिनव सक्सेना, रवीन्द्र भदौरिया, दीपक रंजन, विद्यालय के प्रधानाचार्य हुकुम सिंह, डा0 सर्वेश श्रीवास्तव, प्रवेश वर्मा प्रीतू आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन वन्देमातरम के साथ हुआ।