योगी मंत्रिमंडल में विस्तार की संभावना, संगठन और सरकार में फेरबदल करेगी भाजपा

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लखनऊ: भाजपा हर चुनाव के बाद अपने अगले अभियान में जुट जाती है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को पहले ही यह मंत्र दे दिया है कि पूर्ण लक्ष्य पाये बिना विश्राम नहीं। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा अब मिशन 2022 के लिए आगे बढ़ेगी। संकेत यही हैं कि चुनाव परिणाम के अनुसार संगठन और सरकार में भी फेरबदल होंगे।
प्रदेश सरकार के चार मंत्री चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें महिला कल्याण और पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी-इलाहाबाद, खादी ग्रामोद्योग, लघु उद्योग, हथकरघा मंत्री सत्यदेव पचौरी-कानपुर, पशुधन मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल-आगरा और सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा-अंबेडकरनगर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े हैं। चुनाव जीतने के बाद इन मंत्रियों का रास्ता दिल्ली की ओर मुड़ जाएगा। चुनाव हारने पर मंत्री पद गंवाना भी पड़ सकता है।
उधर, योगी सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को सोमवार को बर्खास्त कर दिया गया। उनकी जगह भाजपा सरकार अनिल राजभर का प्रमोट करने में लगी है। कुछ मंत्रियों को लेकर मुख्यमंत्री की नाराजगी पहले भी जाहिर हो चुकी है। ऐसे में फेरबदल की प्रबल संभावना है। दूसरी तरफ कुछ विधायकों ने इस चुनाव में जातीय समीकरण दुरुस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दलित संवर्ग में धोबी, कोरी और वाल्मीकि  समाज को तवज्जो मिल सकती है, जबकि पिछड़ों में गुर्जर संवर्ग से कोई मंत्री न होने से उनको भी प्रतिनिधित्व मिलना तय माना जा रहा है। कुछ राज्य मंत्रियों को कैबिनेट में भी शामिल किया जा सकता है।
संगठन में भी फेरबदल की संभावना
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय इस बार भी चंदौली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे। एग्जिट पोल में फिर से मोदी सरकार बनने का आंकड़ा आया है। डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय पहले भी मोदी सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं और इस बार चुनाव जीतने पर उनका कद बढ़ाया जा सकता है। डॉ. पांडेय के अलावा भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त- बलिया, भाजपा अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष विनोद सोनकर-कौशांबी, अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर-मोहनलालगंज, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश वर्मा-सीतापुर से चुनाव मैदान में थे। इन पदाधिकारियों के चुनाव जीतने और हारने दोनों स्थिति में ही उनके कद और पद पर असर पड़ना स्वाभाविक है। भाजपा अब मिशन 2022 को लक्ष्य कर संगठन का ताना-बाना तैयार करेगी।