वाराणसी:पहले निर्दल और बाद में सपा के सिंबल पर नामांकन फार्म दाखिल करने वाले बर्खास्त फौजी तेज बहादुर यादव को जिला निर्वाचन अधिकारी से नोटिस मिलते ही सपा में हड़कंप मच गया है। सोमवार को नामांकन कराने शालिनी यादव के साथ पहुंचे सपा नेता मंगलवार को बर्खास्त फौजी के साथ नामांकन स्थल पर पहुंचे थे। वे तेज बहादुर का नामांकन फार्म को वैध कराने के लिए अधिकारियों से संपर्क करने के साथ मौके पर डटे रहे। फिर भी जिला निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें नोटिस जारी कर एक मई को सुबह 11 बजे तक मोहलत देते हुए जवाब मांगा है। जवाब नहीं मिलने पर उनके फार्म को खारिज कर दिया जाएगा।
दोपहर तक चले संशय के बाद बुधवार दोपहर 1.35 बजे तेजबहादुर यादव को निर्वाचन कार्यालय में बुलाया गया। उम्मीद है थोड़ी देर में ही संशय पर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
निर्वाचन अधिकारी की त्रुटि वायरल
एक ओर जिला निर्वाचन अधिकारी ने त्रुटि पर तेज बहादुर यादव को नोटिस जारी की वहीं दूसरी ओर जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से एक भारी भूल भी नोटिस में कर दी गई। तेजबहादुर को जारी नोटिस में दिनांक 01-05-2109 कर दिया गया। जबकि यह वर्ष 2019 होना चाहिए था। सोशल मीडिया पर यह सूचना वायरल होने के बाद देर रात डीएम ने इस सूचना में सुधार कराया। हालांकि तब तक यह त्रुटि सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थी। वहीं तेजबहादुर के समर्थकों की ओर से भी यह लापरवाही पर जिला प्रशासन को सोशल मीडिया में कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।
बोले तेज बहादुर यादव
निर्वाचन अधिकारी से मिलकर आने के बाद तेजबहादुर ने मीडिया से बातचीत भी की। तेज बहादुर का कहना है कि बीएसएफ की तरफ से चुनाव आयोग को पत्र दिया जा चुका है कि अनुशासन हीनता में उनको बर्खास्त किया गया था। इसमें किसी भी प्रकार से चुनाव लड़ने पर रोक नहीं है। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि पीएमओ के इशारे पर देर की जा रही है। वहीं तेजबहादुर ने बताया कि रात 12 बजे उनके वकील को जिला निर्वाचन कार्यालय से फोनकर बुलाया गया और बीएसएफ से पत्र मंगाने के लिए कहा गया।
12.40 बजे तक भी नहीं हो सका फैसला
सुबह निर्वाचन कार्यालय में तेज बहादुर यादव अपने अधिवक्ता की ओर से जवाब दाखिल करने पहुंचे। जवाब सुनने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने 12.40 बजे तक की मोहलत मांगी। हालांकि समय बीतने के बाद भी फैसना नहीं हो सका है। जिला निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि अभी तक चुनाव आयोग से कोई दिशा निर्देश नहीं आया है। निर्वाचन कार्यालय से बाहर आए तेज बहादुर यादव ने बताया कि उन्हें कोई सूचना चुनाव आयोग के फैसले की नहीं मिली है, अभी इंतजार किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी की ओर से जिला निर्वाचन कार्यालय में तेजबहादुर के चुनाव लड़ने पर रोक की मांग करते हुए आपत्ति दाखिल की गई है। वहीं सूत्रों के अनुसार बीएसएफ की तरफ से रक्षा मंत्रालय से तेजबहादुर की बर्खास्तगी की स्थिति पर जिला निर्वाचन अधिकारी पत्र आने का इंतज़ार कर रहे हैं।
बुधवार सुबह से सियासी सरगर्मी
बुधवार की सुबह 11 बजे से पूर्व तेज बहादुर यादव अपने वकील के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी से मिलने पहुंचे हैं। उन्होंने क्या जवाब दाखिल किया है इसकी जानकारी थोड़ी देर बाद प्रशासन की ओर से जारी की जाएगी। वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेज बहादुर के पर्चे पर सुनवाई के पहले समर्थक डीएम पोर्टिको के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। तेज बहादुर का नामांकन रद्द होने की आशंका के बीच धरने पर बैठे समर्थकों ने अनवरत धरने की चेतावनी दी है। वहीं विवाद होने की सूरत के बीच एडीएम सिटी और एसपी सिटी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को मौके पर पहुंचकर मनाया, इसके बाद शांति की स्थिति बनी।
शपथ पत्र से उठे सवाल
जिला निर्वाचन के अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने सपा प्रत्याशी तेज बहादुर यादव से नोटिस के जरिए पूछा है कि भारत सरकार या किसी राज्य के अधीन पद धारण करने के दौरान भ्रष्टाचार के करण या अभक्ति के कारण पदच्युत किया जाता है। ऐसे पदच्युत की तारीख आप ने अपने विवरण में 19 अप्रैल 2017 लिखा है। आप की ओर से दिए गए द्वितीय नामांकन फार्म के शपथपत्र में उल्लेख किया गया है कि गलती से पहले नामांकन फार्म में नहीं की जगह हां लिख दिया गया है। शपथपत्र में बयान दिया गया है कि 19 अप्रैल 2017 को बर्खास्त किया गया है लेकिन भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा पदधारण के दौरान भ्रष्टाचार एवं अभक्ति के कारण पदच्युत नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि आप अभक्ति या भ्रष्टाचार के कारण पदच्युत किए जाने, न किए जाने पर निर्णायक साक्ष्य भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। आपके द्वारा दोनों नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत नहीं किया गया है। नोटिस का जवाब मिलने पर ही विचार किया जाएगा।