गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर से ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ का शुभारंभ किया। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और मजदूरों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना की घोषणा इस साल फरवरी में अंतरिम बजट में की गई थी। इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को 3000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान करने का प्रावधान है। योजना से असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ श्रमिकों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ का शुभारंभ कर 11,51,000 लाभार्थियों तक 13,58,31,918 रुपये की धनराशि सीधे पेंशन खातों में ट्रांसफर की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज हम सभी एक ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं। आज के इस कार्यक्रम का होस्ट गुजरात है, लेकिन इस कार्यक्रम में इस समय पूरे देश से करीब दो करोड़ लोग तकनीक के माध्यम से शामिल हुए हैं। देश के लगभग 42 करोड़ श्रमिकों, कामगारों की सेवा में समर्पित है।
विपक्षियों पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज बिचौलियों के हमदर्द परेशान हैं। इसलिए ये मोदी हटाओ-मोदी हटाओ चिल्ला रहे हैं। लेकिन आपके आशीर्वाद से ये चौकीदार अड़ा है और अपने इरादों पर खड़ा भी है। वो मोदी पर स्ट्राइक करने में लगे हैं और मोदी आतंक पर स्ट्राइक करने में जुटा है।
इस योजना के साथ कैसे जुड़ा जा सकता है? पीएम मोदी ने बताया, ‘इस योजना का हिस्सा बनने के लिए श्रमिक साथियों को नजदीकी कॉमन सेंटर में जाकर फॉर्म भरना होगा। आपका काम सर्विस सेंटरों पर कुछ ही मिनटों में हो जाएगा। यही तो डिजिटल इंडिया का कमाल है। 2014 से पहले देश में जहां लगभग 80 हजार कॉमन सर्विस सेंटर थे। वहीं अब हमारी सरकार में इनकी संख्या बढ़कर के 3,00,000 से ज्यादा हो गई है। अब यही सर्विस सेंटर प्रधानमंत्री मानधन योजना से जुड़ने वाले कामदार साथियों की सहायता करेंगे’
उन्होंने कहा कि जिनके लिए गरीबी सिर्फ फोटो खिचवाने का खेल होता है, जिसे कभी भूखे पेट सोने का दर्द नहीं पता उसके लिए गरीबी एक मानसिक अवस्था होती है। हमारे लिए तो गरीबी एक बहुत बड़ी चुनौती है। गरीबी से झूझने के लिए पूरा परिवार खप जाता है। कोई भी गरीब, वो चाहे अनपढ़ ही क्यों न हो, वो भी इस योजना से आसानी से जुड़ सकता है। ऐसे श्रमिक जिनकी उम्र 18-40 साल के बीच है और मासिक कमाई 15,000 रुपये से कम है, वो सभी इस योजना से जुड़ सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा, ‘देशभर के सभी कामगार साथी जो घरों में सेवक के रूप में काम कर रहे हैं, कबाड़ से आजीविका कमाते हैं, खेत मजदूरी कर रहे हैं, सड़कों-घरों के निर्माण में जुटे हैं, रेहड़ी-ठेले चलाते हैं, बुनकर हैं, ऐसे कामों से जुड़े सभी कामगार साथियों को बहुत बधाई। मुझे एहसास है कि देश के करोड़ों गरीबों के मन में ये सवाल रहता था कि जब तक हाथ-पैर चलते हैं, तब तक तो काम भी मिल पाएगा, थोड़ा बहुत पैसा भी मिलेगा, लेकिन जब शरीर कमजोर हो जाएगा तब क्या होगा? उम्र के उस पड़ाव में, जब आय का कोई साधन न हो, तो वो समय बहुत पीड़ादायक होता है। यही पीड़ा मेरे मन मस्तिष्क में थी। उसी पीड़ा में से इस योजना ने जन्म लिया है- प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना। गरीबों के नाम पर वोट बटोरने वालों ने 55 साल तक देश में राज किया, लेकिन असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए कोई योजना नहीं बनाई। इसका कारण है नीयत में।गुजरात में ‘प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना’ का लाभ लेने वालों से बातचीत के दौरान बोले पीएम मोदी, ‘किसान, घरेलू सहायक सभी को इस स्कीम का लाभ मिलेगा। इसका लाभ असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को भी होगा।’
मोदी सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए भी कई योजनाओं शुरू की हैं। अंतरिम बजट में वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पेशन योजना शुरू करने का एलान किया था। इस योजना के तहत कामगारों को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपए की मासिक पेँशन दी जाएगी। इस योजना के बारे में अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।बता दें कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के चलते सरकार ने पेंशन का लाभ उठाने वाले लोगों के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। यदि कोई लाभार्थी 18 साल की उम्र में इस स्कीम में हिस्सा लेता है तो उसे 55 रुपये प्रीमियम के तौर पर देना होगा। 29 साल की उम्र में योजना का हिस्सा बनने पर 100 रुपये मासिक का प्रीमियम देना होगा। 40 साल की उम्र में जुड़ने वालों को 200 रुपये का मासिक अंशदान करना होगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गांधीनगर में हैं। यहां उन्होंने श्री अन्नपूर्णा धाम में पूजा भी की। इसके बाद वह गांधीनगर जिले के अदालज में एक कार्यक्रम में पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल के पांव छूकर आशीर्वाद लिया।