फर्रुखाबाद:मेला रामनगरिया यदि आप आते है और गर्म-गर्म आलू का स्वाद नही चखा तो मेला किरकिरा हो जाता है| बीते लगभग एक महीने तक चलने वाले मेले का मंगलवार को पूर्णिमा स्नान के साथ समापन हो गया| लेकिन इस मेले में एक महीने में कम लागत जादा मुनाफे में यदि रहे तो भुने हुए आलू के कारोबारी ही रहे| आंकड़ों पर यदि नजर डालें तो पता चलता है कि आलू बिक्री कर रहे सभी दुकानदारों ने मिलकर तकरीबन एक करोड़ का आलू बिक्री कर लिया| जो अपने-आप में चौकाने वाली बात है|दरअसल मेला रामनगरिया में प्रवेश द्वार के निकट से किनारे-किनारे मनोरंजन तक तकरीबन 42 से 45 दुकानें है| इन दुकानों पर लोग गर्म आलू का स्वाद लेते है| जिससे पूरे दिन दुकानें गुलजार रहती है| लेंकिन इनकी बिक्री करने वाले दुकानदार आलू की आग के धुंए में काले दिखायी देतें हैं| लेकिन इस कालेपन के पीछे भी बड़ा कारोबार छिपा है| रामनगरिया में आलू बिक्री कर रहे दुकानदार गिरीश और अनिल ने बताया कि प्रतिदिन तकरीबन तकरीबन 100 किलों आलू की बिक्री प्रति दुकान पर हो जाती है| पूरे मेले में एक दुकानदार लगभग डेढ़ से दो लाख रूपये का कारोबार करता है| जिन पर मेला समाप्ति के एक सप्ताह पूर्व से इससे भी अधिक आलू की बिक्री हो जाती है| प्रतिदिन सभी आलू दुकानों का हिसाब लगाया जाये तो 60 रूपये प्रति किलो आलू की बिक्री होती है और प्रतिदिन लगभग दो लाख 52 हजार का आलू बिक्री किया जाता है| वही पूरे महीने में आलू की सभी दुकानों से मिलाकर 80 लाख से एक करोड़ तक की बिक्री का अनुमान है| (शिवा दुबे राजेपुर की रिपोर्ट)