प्रयागराज:समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को आज प्रयागराज में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव में आने की अनुमति न मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता आज उग्र हो गए। सांसद धर्मेंद्र यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं ने बालसन चौराहा पर तोडफ़ोड़ व पथराव किया। पथराव में सीओ के घायल होने के बाद पुलिस के लाठीचार्ज में सांसद धर्मेंद्र यादव भी चोटिल हो गए। उनको निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है।
प्रयागराज में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बवाल और पथराव में समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव को मामूली चोट आई है। डिप्टी एसपी इंद्रपाल यादव को गम्भीर चोट आई है। उन्हें राज नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव को हिरासत में लिया गया है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के वार्षिकोत्सव में आने से अखिलेश यादव को लखनऊ में रोका गया। लेकिन सांसद धर्मेंद्र यादव पहुंचे। छात्रसंघ भवन से बालसन चौराहे तक सांसद धर्मेंद्र यादव के नेतृत्व में समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओ ने शांति मार्च निकाला। सांसद धर्मेंद्र यादव ने योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ना आने देने का मतलब है कि योगी सरकार और मोदी सरकार गठबंधन को लेकर डर गई है। उन्हें आशंका है कि 2019 का चुनाव उनके हाथ से निकल ना जाए। वह यहां बालसन चौराहे पर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा रहे थे। इसी दौरान विश्वविद्यालय मार्ग को दोनों तरफ से रोक दिया गया। बालसन चौराहे पर छात्रों ने चक्काजाम किया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। सपाइयों ने तोडफ़ोड़ की।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया। उनके प्रयागराज न आने देने की खबर मिलते ही बमरौली एयरपोर्ट के बाहर सपाइयों ने हंगामा किया। इविवि छात्रसंघ भवन पर आयोजित कार्यक्रम में सांसद धर्मेंद्र यादव पहुंचे। सछास के साथ मार्च निकाला। बालसन चौराहे पर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण के दौरान रास्ताजाम व तोड़फोड़ हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो पथराव भी हुआ। इस दौरान सांसद धर्मेंद्र, सीओ ट्रैफिक इंद्रपाल यादव समेत कई सपाई और छात्रों समेत कई पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए। पुलिस ने सांसद धर्मेंद्र समेत कई दर्जन सपाइयों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई। विरोध प्रदर्शन में फूलपुर सांसद नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल समेत अन्य सपा के नेता भी मौजूद रहे।
अखिलेश यादव के रोके जाने से आक्रोशित सपाइयों ने इससे पूर्व पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ नारेबाजी की थी। लक्ष्मी टॉकीज के निकट गमलों को तोड़ा गया, कुछ और जगह भी विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं एबीवीपी ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव का पुतला दहन करने की कोशिश की जिसे पुलिस व प्रशासन ने रोका।
मोदी और योगी सरकार गठबंधन से डर गई है : धर्मेंद्र
छात्रसंघ भवन पर आयोजित कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए सांसद धर्मेंद्र यादव ने योगी और मोदी सरकार को निशाने पर लिया। कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को न आने देने का मतलब है कि योगी सरकार और मोदी सरकार गठबंधन को लेकर डर गई है। उन्हें आशंका है कि 2019 का चुनाव उनके हाथ से निकल न जाए।
पहुंचे सांसद धर्मेंद्र यादव
तमाम रोक के बावजूद सपा से जुड़े नेता और छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव साथियों के साथ वार्षिकोत्सव की तैयारी में जुटे रहे। हालांकि पूर्व सीएम अखिलेश यादव के न आने से छात्रों और छात्रनेताओं को मायूसी हुई थी। हालांकि छात्रों के बीच सांसद धर्मेंद्र यादव पहुंचे। धर्मेंद्र ने सबसे पहले लाल पद्मधर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद छात्रों ने जुलूस निकालने का निर्णय लिया है। सांसद धर्मेंद्र यादव के छात्रसंघ भवन पर पहुंचने के बाद समाजवादी पार्टी और समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं में गजब का जोश है।
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय छात्रसंघ के वार्षिक उत्सव में सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर रोक के कारण सियासत गरमा गई है। पहले अखिलेश ने जहां ट्वीट करके हर हाल में आने का इरादा साफ कर दिया था। वहीं पुलिस प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अखिलेश को विश्वविद्यालय में प्रवेश करने से रोका जाएगा। परिसर में पैरामिलिट्री लगाकर परिसर को छावनी बनाया गया। देर रात तक पुलिस और विवि प्रशासन अखिलेश को रोकने की रणनीति बनाई जाती रही।
अखिलेश ने ट्वीट कर कहा कि बिना किसी लिखित आदेश के एयरपोर्ट पर रोका गया
प्रयागराज में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ शपथ ग्रहण समारोह में जाने की तैयारी में लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर मंगलवार की सुबह पहुंचे अखिलेश यादव को रोक दिया गया। अखिलेश ने ट्वीट किया है कि ‘बिना किसी लिखित आदेश के मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया। पूछने पर भी स्थिति साफ करने में अधिकारी विफल रहे। छात्रसंघ कार्यक्रम में जाने से रोकने का एकमात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है।’
इविवि प्रशासन ने अखिलेश के आने पर लगाई थी रोक
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन में आज सुबह दस बजे से वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम होना सुनिश्चित हुआ था। इसमें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने आपत्ति जताते हुए रोक लगा दी थी। किसी राजनीतिक व्यक्ति को प्रवेश न दिए जाने के लिए विवि प्रशासन ने पुुलिस प्रशासन को पत्र भेजा था। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने अखिलेश का प्रवेश रोकने के लिए इंतजाम कर लिए थे। इस बीच विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने अखिलेश के निजी सचिव को पत्र भेजकर कार्यक्रम में उनके प्रवेश की पाबंदी की सूचना दी थी। इसके बाद अखिलेश ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि प्रशासन उन्हें छात्रों से मिलने से नहीं रोक सकता। वह लखनऊ से प्रयागराज के लिए आने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें रोक दिया गया।
ट्वीट से विवि प्रशासन व पुलिस सकते में थी
अखिलेश का यह रुख देख इलाहाबाद विवि प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन तक सकते में आ गए। देर रात तक उन्हें रोके जाने की योजना पर काम चलता रहा। पुलिस ने छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव को नोटिस भी जारी कर दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी ने स्पष्ट कहा था कि विश्वविद्यालय की आपत्ति के बाद पूर्व सीएम का परिसर में प्रवेश रोकेंगे। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा था कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन जैसी मदद की अपेक्षा करेगा, वह की जाएगी।
खुफिया एजेंसियां भी परिसर में सक्रिय
एसपी सिटी ने सीओ व थानेदारों के साथ चर्चा के बाद कहा था कि उपद्रवी छात्रों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाए। खुफिया एजेंसियां भी परिसर व हॉस्टलों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। एजेंसियों ने भी माहौल खराब होने की आशंका जाहिर की है।
छात्रसंघ भवन पर ताला जड़कर किया था हंगामा
अखिलेश यादव के आगमन के विरोध में छात्रसंघ महामंत्री शिवम सिंह व अन्य ने सोमवार को छात्रसंघ भवन गेट पर ताला जड़कर हंगामा किया था। एसपी सिटी ब्रजेश श्रीवास्तव ने वहां पहुंचकर छात्रसंघ भवन के भीतर खड़े वाहनों और कुछ सामान को बाहर निकलवाया और कानून-व्यवस्था को न बिगाडऩे की चेतावनी दी। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे ने कहा कि छात्रसंघ के वार्षिकोत्सव में जमाने से विभिन्न विचारधाराओं के राजनयिक आते रहे हैं। अखिलेश यादव को युवाओं के कार्यक्रम में आने से रोकना लोकतांत्रिक परंपराओं की हत्या है, छात्रसंघ के पदाधिकारियों के अधिकारों का हनन है।