100 सीसी टू-व्हीलर के इंश्योरेंस पर दें सिर्फ इतने पैसे, सरकार बदल चुकी है नियम

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नई दिल्ली:इंश्योरेंस को लेकर नए नियम बीमा नियामक इरडा (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) लागू कर चुकी है। इस नए नियम के चलते कार या टू-व्हीलर्स खरीदते समय ही 3 या 5 साल के लॉन्ग टर्म थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को लेना अनिवार्य हो चुका है। यानी अब वाहन खरीदते समय खरीदारों को ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। कई बार ऐसा होता है कि एजेंट गतल जानकारी देकर पॉलिसी बेच देते हैं।
ऐसे में अगर आपको कोई गलत जानकारी दे या फिर एक्स्ट्रा चार्ज ले तो आप उसकी शिकायत सीधे इरडा में कर सकते हैं। आज हम आपको अपनी इस खबर में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है वह तो आपको बताएंगे ही इसके साथ ही यह भी बताएंगे की नई गाड़ी खरीदते समय आपको कितने रुपये देने होंगे। साथ ही आप शिकायत कैसे कर सकते हैं।
क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस?
मोटर वाहन कानून के तहत थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान काफी पहले ही लागू किया गया है। इसे थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट पता चलता है कि यह तीसरे पक्ष के बीमा से संबंधित है। जब मोटर वाहन से कोई दुर्घटना होती है तो कई बार इसमें बीमा कराने वाला व बीमा कंपनी के अलावा एक तीसरा पक्ष भी शामिल होता है, जो प्रभावित होता है। यह प्रावधान इसी तीसरे पक्ष यानी थर्ड पार्टी के दायित्वों को पूरा करने के लिए बनाया गया है।
बाइक के लिए कितना होगा खर्चा?
75 cc इंजन तक की बाइक के लिए 1045 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
75 से 150 cc इंजन वाली बाइक के लिए 3285 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
150 से 350 cc इंजन वाली बाइक के लिए 13034 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
कार के लिए कितना होगा खर्चा?
नई पॉलिसी लागू होने के बाद 1000cc वाले इंजन की कार के इंश्योरेंस के लिए 5286 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
1000-1500 cc वाले इंजन की कार के लिए 9534 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
1500 cc से ज्यादा कैपेसिटी वाली इंजन की गाड़ी के लिए 24305 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
बता दें कि फोर-व्हीलर के लिए जहां इंश्योरेंस तीन साल का है, वहीं टू-व्हीलर के लिए यह 5 सालों का है।
कहां कर सकते हैं शिकायत
एजेंट द्वारा दी गई गलत जानकारी देकर पॉलिसी खरीदने के बचने के लिए आप इरडा में इसकी शिकायत कर सकते हैं। ऐसे में सबसे पहले आपको बीमा कंपनी के शिकायत निवारण अधिकारी से संपर्क जरूर करना चाहिए। यहां से समाधान न होने पर आप इरडा के शिकायत निवारण सेल के टोल फ्री नंबर – 155255 पर भी शिकायत कर सकते हैं। डॉक्युमेंट्स के साथ इरडा की email id – complaints@irdai.gov.in पर भी शिकायत भेज सकते हैं। यहां से भी अगर समस्या का हल न हो तो आप बीमा लोकपाल तक अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं।