22 साल पुराने मुकदमे में राजबब्बर को तीन घंटे न्यायिक हिरासत

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प्रयागराज:उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व अभिनेता राजबब्बर सोमवार को 22 साल से चल रहे मुकदमे में विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में सरेंडर किया। उन्हें करीब तीन घंटे तक न्यायिक हिरासत में रखा गया। सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने उन्हें जमानत दे दी। उनके खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी था। पेशी के दौरान कचहरी परिसर में गहमागहमी का माहौल रहा।
लात घूंसों से पीटने के साथ चिल्लाते रहे
मामला दो मई 1996 का है। लखनऊ के वजीरगंज थाने में मतदान अधिकारी कृष्णा सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि राजबब्बर और अरविंद यादव ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मतदान स्थल पर बवाल किया। पोलिंग एजेंट शिव कुमार सिंह को लात घूंसों से पीटने के साथ चिल्लाते रहे कि फर्जी मतदान हो रहा है। इसी मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने राजबब्बर के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया था। पेशी के लिए सोमवार की सुबह ही राजबब्बर कोर्ट पहुंच गए। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने सुनवाई करने के बाद बीस-बीस हजार रुपये की दो जमानत व इतनी ही धनराशि का मुचलका पेश करने पर उन्हें रिहा किए जाने का आदेश दिया।
कटघरे में खड़े होकर बब्बर ने बताया नाम
कोर्ट में बने कटघरे में खड़े होकर राजबब्बर ने अपना नाम बताया। कहा कि साहब सरेंडर कर रहा हूं। उन्होंने सफाई दी कि ऐसा नहीं है कि जानबूझकर कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ बल्कि मुझे सम्मन नहीं मिला था।
कोर्ट के बाहर जुटी भीड़, सेल्‍फी को आतुर रहे
कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष व बालीवुड के अभिनेता राज बब्‍बर की पेशी के दौरान बाहर लोगों की भीड़ भी जुटी थी। उनसे मिलने और उनकी एक झलक पाने, हाथ मिलाने और सेल्‍फी लेने के लिए लोग उतावले रहे। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी समेत अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
अनियंत्रित भीड़ की बात सुन जिला जज भी पहुंचे
विशेष कोर्ट में राजबब्बर सरेंडर करने पहुंचे तो वहां भारी भीड़ जमा हो गई। कोर्ट के बाहर अनियंत्रित भीड़ को काबू करना मुश्किल हो रहा था। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने जिला जज एके ओझा को वस्तुस्थिति से अवगत कराया तो जिला जज खुद वहां पहुंच गए। उन्होंने जल्द मामले के निस्तारण का निर्देश दिया और सुरक्षा इंतजाम देखे।
रविवार को राज बब्बर पहुंचे थे प्रयागराज
तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहली बार रविवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर प्रयागराज पहुंचे। शाम पांच बजे लखनऊ से वायु मार्ग से बमरौली एयरपोर्ट पर आए। वहां से पार्टी पदाधिकारियों के साथ वह सिविल लाइंस स्थित एक होटल पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया था। उन्होंने कार्यकर्ताओं से राहुल गांधी के हाथ को मजबूत करने की बात कही।
अध्यक्ष के लिए प्रमोद तिवारी ने पहना काला कोट
उस समय सभी अधिवक्ता हैरान नजरों से देखते रह गए, जब 40 साल पूर्व वकालत छोड़ चुके पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी अधिवक्ता की डे्रस में पहुंचे। राजबब्बर पुराने एक मुकदमे में जारी सम्मन के अनुपालन में न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी के समक्ष उपस्थित हुए थे। कुछ सवाल के बाद न्यायालय ने राजबब्बर के अधिवक्ता को प्रश्नोत्तरी दी और कहा कि अब आप जमानत की अर्जी डाल सकते हैं।
प्रकरण कोई क्रिमिनल नेचर का नहीं
इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि आप जैसे लोग समाज और जनता के लिए काम कर रहे हैं। ये प्रकरण कोई क्रिमिनल नेचर का नहीं है। हम आपको जमानत देते हैं। बेल ब्रांड जमा करा दीजिए। हम आपको तीन विकल्प देते हैं। पहला आपको जमानत दे रहे हैं। आपको जुर्माना लगाकर केस समाप्त कर दें या फिर आप चाहें तो ट्रायल चलाकर वाद का निपटान करें। राजबब्बर के बतौर अधिवक्ता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह आपके ऊपर छोड़ते हैं। आप जैसा उचित समझें, आदेश देने की कृपा कीजिए। अंत में पूर्व विधायक विजय प्रकाश और प्रदेश कांग्रेस महासचिव सुधाकर तिवारी द्वारा दाखिल जमानत पर न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने राजबब्बर को जमानत दे दी। फिर सुनवाई की अगली तारीख 20 फरवरी नियत कर दी।