फर्रुखाबाद:बीते दिनों कई राज्यों में चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियां अपना अपना वोट बैंक सहेजने की कवायद में जुट गई हैं। सियासी जमीन मजबूत करने के लिए लिट्टी चोखा व राजनीतिक भोज दम पकड़ने लगा है। लोकसभा चुनाव के बाद से गायब हुए खादीधारी महामहिम अब गांव की ओर रुख करने लगे हैं।
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है लेकिन राजनीतिक पैंतरेबाजी जोर पकड़ने लगी है। गांव के प्रभावशाली लोगों तथा पूर्व व वर्तमान ग्राम प्रधानों के माध्यम से लिट्टी-चोखा पार्टियों का दौर शुरू हो गया है। कुछ लोग गांव के प्रतिष्ठित व्यक्ति के घर अपने खर्चे से पार्टी का आयोजन कर रहे है तो कुछ लोग ग्रामप्रधानों के सहयोग से रात्रि भोज का आयोजन कर राजनीतिक रोटी सेंकने की कवायद में जुटे हैं। शहर से लेकर गांव के चट्टी चौराहों पर होर्डिंग नजर आने लगे हैं। कोई पवोर् की बधाई देता दिख रहा है तो कोई अपने आप को सबसे बड़ा समाजसेवक साबित करने पर जुटा है। कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव की आहट से वातावरण पर सियासी रंग चढ़ने लगा है।
उधर प्रमुख राजनीतिक दलों ने अभी अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। हालांकि कुछ नेता स्वयं को पार्टी का सबसे बड़ा दावेदार बताते हुए जनता के बीच पैठ बनाने के प्रयास में जुट गए हैं। इस दौरान बीच बीच में प्रदेश की राजधानी का दौरा भी हो रहा है।आलम यह है कि कभी जनता से सीधे मुंह बात न करने वाले नेता इन दिनों मीठी जुबान गुफ्तगू करते देखे जा रहे हैं।