फर्रुखाबाद:(कमालगंज)सरकार हर गरीब को घर देने की योजना को लेकर कार्य कर रही योगी सरकार को उनके ही अफसर किस तरह से पलीता लगाने में लगे है किस तरह से आवास गरीबो को दिए जा रहे है इसका ताजा मामला प्रकाश में आया है| जिसके चलते ठंड में परिवार के साथ ठिठुर रहे दलित की मौत हो गयी| खबर मीडिया को लगने पर जिला प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है| जिला प्रशासन का कहना है कि उसकी मौत बीमारी से हुई है|
ताजा मामला कस्बे के राजेपुर सरायमेदा का है| 40 वर्षीय मोती लाल पुत्र रामबाबू उर्फ़ भोला अपनी पत्नी गीता देवी व आठ वर्षीय पुत्री निर्भया,6 वर्षीय पुत्री खुशबु,4 वर्षीय विपिन व तीन वर्षीय नितिन के टूटी-फूटी झोपडी में रह रहा था| बीते कुछ दिनों से चल रही ठंड में झोपडी की दीवारों को चीरकर ठंडी हवा के रूप में घुसी मौत ने दलित मोती लाल का दम की निकाल दिया| सरकार जब दोनों हाथो ने पीएम आवास बाँटने का दावा कर रही है तो फिर मोती को अभी तक आवास क्यों नही मिला| क्यों उसकी मौत खुद की छट के नीचे नही हुई| मोती की मौत की खबर पर जिला प्रशासन सक्रिय हो गया| उन्होंने लेखपाल राहुल जी जाँच करने के लिए भेजा| लेखपाल ने जाँच की| पीड़ित परिवार ने सीएम योगी को भी शिकायत भेजी है|
विधायक भोजपुर नागेन्द्र सिंह राठौर ने जेएनआई को बताया कि मोती लाल की मौत का मामला उनकी जानकारी में नही है| यदि उसके पास अभी तक आवास नही था तो इसमे ग्राम प्रधान दोषी है| जाँच कराकर कार्यवाही की जायेगी|
तहसील सदर प्रदीप कुमार ने जेएनआई को बताया कि मोती की मौत बीमारी से हुई है| ठंड से नही हुई है| ठंड से मौत होंने की बात गलत है| मोती काफी दिनों से बीमार चल रहे थे|