लखनऊ:लोकसभा चुनाव को देखते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की तरह सत्ता के एक और साझीदार अपना दल (एस) ने भी भाजपा पर दबाव बनाना शुरू किया है। दल के अध्यक्ष आशीष पटेल ने भाजपा को तीन राज्यों के चुनाव से सीख लेने की नसीहत दी है। साथ ही कहा है कि यदि हमारा सम्मान नहीं रहेगा तो हम सहयोगी क्यों रहेंगे। इस बीच केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल बुधवार को प्रस्तावित अपने सारे कार्यक्रम रद कर दिल्ली रवाना हो गई हैं।
अनुप्रिया की उपेक्षा पर बागी तेवर
अपना दल (एस) एनडीए गठबंधन का प्रमुख घटक है और पार्टी की संयोजक अनुप्रिया पटेल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हैं। पार्टी ने अनुप्रिया की उपेक्षा को ही अपने बागी तेवर का आधार बनाया है। हालांकि इसे जनशक्ति पार्टी और शिवसेना की ही तरह अपना दल की चुनावी बिसात के रूप में देखा जा रहा है। दल के अध्यक्ष आशीष ने खुलकर कहा कि प्रदेश में हमारी उपेक्षा की जा रही है। विभिन्न आयोगों में 300 नियुक्तियां हुईं लेकिन, हमारी पार्टी को पूछा तक नहीं। हमारे कार्यकर्ताओं पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज होते हैं और कोई सुनवाई नहीं होती। अब तो सरकार के कार्यक्रमों में भी नहीं बुलाया जा रहा।
अमित शाह के समक्ष रखें जाएंगे मामले
ध्यान रहे कि मंगलवार को सिद्धार्थनगर में राजकीय मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास पर बिहार के केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे तो बुलाए गए लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल नहीं। वह इन सारे मसलों पर भाजपा को अमित शाह के सामने रखेंगे। इससे पहले मीरजापुर में उन्होंने एनडीए से अलग होने की चेतावनी भी दे दी। पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अब तो सपा-बसपा का गठबंधन बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। तीन राज्यों की हार से भाजपा नेतृत्व को सबक लेना चाहिए और कमियों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश नेतृत्व के रवैये से उनकी पार्टी के सांसद व विधायकों में भी नाराजगी है।