फर्रुखाबाद:(संकिसा/मैनपुरी) तीन दिनी प्रवास पर जनपद मैनपुरी के जसराजपुर में आए तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने पत्रकारों से बात की| उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा की चीन को विस्तारवादी मानसिकता वाला देश बताया। चीन के बार- बार दूसरे देशों की जमीन पर अतिक्रमण करने के सवाल पर तिब्बती धर्मगुरु ने कहा कि चीन की दीवार है, वही उसकी सीमा थी। परंतु वह लगातार अपने विस्तार में लगा हुआ है। इसी प्रवृत्ति के कारण वह तिब्बत और अन्य देशों की भूमि पर विस्तार की कोशिश करता रहता है। दलाई लामा ने कहा तिब्बत और कश्मीर मसला बिल्कुल अलग अलग है। कश्मीर का मामला लगातार चर्चाओं में रहता है, वहां के लोगों को नागरिक अधिकार हैं। तिब्बत में ऐसा नहीं है। यूएनओ में तिब्बत का मसला प्रमुखता से न उठने के सवाल पर दलाई लामा ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उनसे कहा था कि तिब्बत का मसला यूएनओ कभी हल नहीं कर पाएगा।
तिब्बत को आजाद कराने के लिए अमेरिका कभी चीन से युद्ध नहीं करेगा। इसके लिए मुझे खुद ही चीन से बातचीत करनी चाहिए। भारत चीन संबंधों पर दलाई लामा ने कहा न तो भारत चीन को युद्ध में हरा सकता है और ना ही चीन भारत को युद्ध में हरा सकता है। इसलिए दोनों देशों को एक दूसरे के साथ बेहतर संबंध बनाकर आगे बढऩा चाहिए। भारत- चीन साथ हो जाएंगे तो पाकिस्तान की समस्या अपने आप हल हो जाएगी। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि आज भी हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा सार्थक है।
कलाम को दलाईलामा का सलाम
सोमवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने वाईबीएस वॉलियंटियर्स द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन कर उसका अवलोकन भी किया था। अपनी शानदार फोटो को देखकर दलाईलामा बेहद खुश हुए। देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की फोटो देखकर उन्होंने कलाम को महान व्यक्तित्व बताते हुए उनका अनुसरण करने की अपील युवाओं से की। प्रदर्शनी के एक-एक चित्र को उन्होंने बखूबी देखा और कलाकृतियों की सराहना की। इसके बाद उन्होंने वाईबीएस के चिकित्सालय का उद्घाटन किया। दलाईलामा ने यहां पर वाईबीएस वॉलियंटियर के साथ फोटोग्राफी कराई। उन्होंने कई वॉलियंटियर्स से उनके हाल-चाल पूछे।
विदेशी अनुयायी ले रहे पूड़ी और मठा आलू का स्वाद
दलाईलामा कार्यक्रम में शामिल होने आए हजारों स्थानीय अनुयाइयों के साथ विदेशियों को क्षेत्रीय व्यंजन परोसे जा रहे हैं। वीआईपी पंडाल में मैनपुरी की पारंपरिक मठा आलू की सब्जी व पूड़ी का जायका ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त सादा भोजन में दाल-चावल, सलाद आदि की व्यवस्था की गई है।
जसराजपुर बना बौद्ध तीर्थस्थल
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के जसराजपुर आगमन से मैनपुरी और फर्रुखाबाद की सीमा पर बसे गांवों में पूरा माहौल बदला नजर आ रहा है। जसराजपुर गांव और आसपास के क्षेत्र में बौद्ध तीर्थस्थलों जैसा मेला नजर आ रहा है। हर तरफ देशी और विदेशी अनुयाइयों की भीड़ और नमो बुद्धाय के नारों से माहौल बौद्ध धर्ममय नजर आया।