विश्व भाषा बनने की क्षमता रखती है हिंदी

FARRUKHABAD NEWS जिला प्रशासन सामाजिक

फर्रुखाबाद: साहित्यिक साँस्कृतिक संस्था अभिव्यंजना के द्वारा हिंदी पखवारा पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया| जिसमे देश के भीतर कम हो रही हिंदी की दिलचस्पी पर चिंता व्यक्त की गयी| साथ ही साथ हिंदी की ताकत का अहसास कराते हुये कहा गया कि हिंदी अपने आप में विश्व भाषा बनने की ताकत रहती है|
नगर के लोहाई रोड स्थित बीजेपी नेत्री व अभिव्यंजना प्रमुख डॉ० रजनी सरीन के आवास पर आयोजित हुई गोष्ठी की अध्यक्षता भी उन्होंने ने ही की| डॉ० श्रीकृष्ण गुप्त ने हिंदी ओ सरल भाषा के रूप में ग्रहण करने की प्रकृति होनी चाहिए| साहित्यकार डॉ० कृष्ण कान्त अक्षर ने कहा कि राजस्थान में स्थापित हिंदी बचाओ आन्दोलन पर चर्चा करते हुये कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि हिंदी क्षेत्र में ही हिंदी को बचाने का अभियान चलाना पढ़ रहा है| जबाहर सिंह गंगवार ने हिंदी के सरलीकरण पर जोर दिया| डॉ० हरिदत्त द्विवेदी ने कहा की हिंदी को हिंदी क्षेत्र के लोग ही अपेक्षित किये है|
संजय गर्ग में हिंदी को राज्य भाषा बनाये जाने की मांग उठाई| संस्था प्रमुख ने कहा कि विदेशों में भी हिंदी का प्रभाव बढ़ रहा है| इस दौरान हिंदी की घट रही सामाजिक रूचि पर चिंता व्यक्त की गयी| मुख्य अतिथि की भूमिका कायमगंज के डॉ० रामबाबू मिश्रा ने अदा
की|
राममुरारी शुक्ला, रामशंकर अवस्थी, डॉ० आशा दुबे, ज्योति स्वरूप अग्निहोत्री, भूपेन्द्र सिंह आदि ने विचार व्यक्त किये| राजेश हजेला, उदय वाथम, हरिओम राजू, विजय, नन्दन आदि रहे|