लखनऊ:सोमवार को आहूत भारत बंद से दूर रही बहुजन समाज पार्टी ने देश में बनते विषम हालात के लिए भाजपा के साथ ही कांग्रेस को भी कठघरे में खड़ा किया। महंगाई जैसे जनविरोधी मसलों पर कांग्रेस-भाजपा को एक ही थाली के चट्टे- बट्टे बताते हुए तेल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण में लेने की मांग की।
भारत बंद के एक दिन बाद मंगलवार को जारी बयान में मायावती ने कहा कि पेट्रोल -डीजल की आसमान छूती कीमतों के लिए कांग्रेस और भाजपा की सरकारें बराबर की कसूरवार हैं, दोनों की नीतियां एक जैसी हैं। कांग्रेस की संप्रग सरकार ने जून, 2010 में पेट्रोल को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया था तो भाजपा सरकार ने गत 18 अक्टूबर, 2014 को डीजल को भी नियंत्रणमुक्त कर दिया। इन गरीब व किसान विरोधी फैसलों को बड़े आर्थिक सुधार के रूप में दुनिया के सामने पेश किया गया, जिसका नतीजा सब के सामने है।
बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा की वर्तमान सरकार ना केवल कांग्रेस की गलत आर्थिक नीतियों को लागू करती रही वरन इनसे आगे बढ़ नोटबंदी और जीएसटी को अपरिपक्व ढंग से देश पर थोपा दिया। इसी कारण सवा करोड़ देशवासियों का जीवन नरकीय होता जा रहा है। मायावती ने चेताया कि जिस तरह से जनता ने वर्ष 2014 में कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया था उसी तरह भाजपा को भी 2019 में सजा देगी।
उन्होंने कहा कि संवेदनहीन भाजपा नेतृत्व जनता की परेशानियों से थोड़ा भी विचलित नहीं जिससे उनके जनविरोधी और अहंकारी होने का प्रमाण मिलता है। सरकार को चंद पूंजीपति मित्रों के हित की चिंता ज्यादा है और उन्हें नाराज नहीं करना चाहती है। भाजपा को लगता है कि वह एक बार फिर से अपने उद्योगपति मित्रों की बदौलत ही सत्ता पा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो मनमानी कर रही तेल कंपनियों पर अंकुश लगाने को सख्त नीति बना सकती है ताकि लोगों को कुछ राहत मिले।
मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के इस बात के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है कि तेल कीमतों का नियंत्रण उनके हाथ में नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण ला सकती है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण से बाहर रखने की शुरुआत कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए 2 की सरकार में हुई थी। भाजपा भी अब उसी राह पर चल रही है जिसने डीज़ल को भी सरकारी नियंत्रण से बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि डीज़ल को डीरेग्यूलेट कर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। सरकार पूंजीपतियों की मदद कर रही है।पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत को लेकर कांग्रेस के भारत बंद से दूरी पर मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी गरीबों, दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के हितों की लड़ाई लड़ती है। उसके विरोध का तरीका भी अलग होता है। भारत बंद के दौरान कुछ राज्यों में हिंसा हुई, जिसका हमारी पार्टी समर्थन नहीं करती।
मायावती ने महंगाई के मुद्दे पर भाजपा को कांग्रेस की ही टीम बताया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कि केंद्र की वर्तमान सरकार अपने उद्योगपति दोस्तों को नाराज नहीं करना चाहती इसलिए पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं करना चाहती। वर्तमान सरकार पूर्व की यूपीए सरकार की तरह ही वही फैसले ले रही है। जिसके लिए पिछली सरकार की आलोचना हुई थी। उन्होंने कहा कि महंगाई के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।
मायावती ने कहा कि यूपीए 2 की गलत नीतियों का खामियाजा उसे भुगतना पड़ा था, जनता ने उसे सत्ता से निकाल बाहर किया था। अब उसी राह पर केंद्र की मोदी सरकार भी है, जनता आने वाले चुनावों में इन्हें भी सबक सिखाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अपनी देशविरोधी नीतियों के चलते बीजेपी सत्ता खो देगी।उन्होंने कहा कि केंद्र अगर चाहे तो महंगाई पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने भारत की करोड़ों जनता को लाचार बना दिया है। खासकर गरीबों-मजलूमोंकी महंगाई के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है।
मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार पेट्रो पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण नहीं कर सकती। बसपा केंद्र के इस जवाब पर सहमत नहीं है।