लखनऊ:जघन्य घटनाएं करने वाले आरोपितों को कड़ी सजा दिलाने के लिए यूपी पुलिस ने नया कदम उठाया है। अब हर जिले में ऐसी घटनाओं व कुख्यात अपराधियों के खिलाफ कोर्ट में प्रभावी पैरवी के लिए मानीटरिंग सेल गठित होगी। डीजीपी ओपी सिंह ने सभी एसएसपी/एसपी को इस बाबत कई निर्देश दिए हैं।
डीआइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सभी एसएसपी/एसपी कार्यालय में गठित मानीटरिंग सेल में एक निरीक्षक को प्रभारी बनाया जायेगा। इसके अलावा सेल में एक उपनिरीक्षक व दो से तीन सिपाही नियुक्त किये जायेंगे। सेल का पर्यवेक्षण खुद कप्तान करेंगे।
सेल की प्रमुख जिम्मेदारी
– ऐसे सभी जघन्य अपराधों को सूचीबद्ध करना, जिनमें गुणवत्तापरक विवेचना हुई है और मामला कोर्ट में चल रहा है।
– ऐसे कुख्यात अपराधियों को सूचीबद्ध करना, जिनके खिलाफ आम्र्स एक्ट व जानलेवा हमले के मुकदमे दर्ज हैं और उनमें पुलिस मुख्य रूप से गवाह हो।
– गैंगेस्टर एक्ट के विचाराधीन मुकदमों की सुनवाई पूरी होने तक गैंग चार्ट में अंकित अन्य न्यायालयों में विचाराधीन मुकदमों की कार्रवाई स्थगित कराने की प्रक्रिया को पूरा करना।
– पैरवी रजिस्टर बनाकर नाम व सर्किलवार ब्योरा रखा जाए।
– गवाही पूरी कराने की प्रकिया में सतत नजर रखना।
– हर दिन पैरोकार कोर्ट से आने के बाद सेल को मुकदमों से जुड़ी कार्रवाई की जानकारी देगा।
– सेल न्यायलय के कोर्ट मुहर्रिर से भी सहायता लेगी।
– ऐसे सभी वादों में एसएसपी/एसपी जिला मानीटरिंग सेल की मासिक बैठक में जिला जज से विचार-विमर्श करेंगे। ताकि उनकी शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित हो और गवाह के न आने की स्थिति में सम्मन/वारंट निर्गत हो सकें और पुलिस उनका अनुपालन करा सके।
– कोर्ट से जारी सभी सम्मन/वारंट संबंधित थाने की जीडी में उसी दिन दाखिल किये जाएंगे।