फर्रुखाबाद: साथी की मौत की झूठी अफवाह सुनकर कैदियों के दो गुटों में मोर्चा बंदी हो गयी| जिसके बाद जेल प्रशासन के हाथ पैर फूल गये| मुख्य गेट पर पीएसी बुला ली गयी| काफी देर रात तक जेल के भीतर विवाद के हालात रहे| इसके बाद हालत पर काबू पाया गया| यह हालत सेन्ट्रल जेल में तब है जब यंहा सुनील राठी और सुभाष ठाकुर जैसे माफिया बंद है| फ़िलहाल जेल में अब यह तो साफ हो गया की बंदियों में मोर्चा बंदी है!
मिली जानकारी के मुताबिक सेन्ट्रल जेल की बैरक नम्बर 1 में एक छोटे शुक्ला नाम का बंदी सजा काट रहा है| जेल के भीतर उसकी हत्या कर शव फांसी पर लटका देने की अफवाह जंगल में आग की तरह फ़ैल गयी| बंदी छोटे शुक्ला के पक्ष के बंदियों ने दुसरे पक्ष के बंदियों पर आरोप लगाकर हंगामा कर दिया| जेल सूत्रों के अनुसार जमकर मारपीट के साथ पथराव भी किया गया | सूचना मिलने पर डीआईजी जेल वीपी त्रिपाठी,जेलर पीके सिंह बंदी रक्षकों के साथ मौके पर पंहुचे| मुख्य गेट पर पीएसी तैनात कर दी गयी| बंदी छोटे शुक्ला को उसके साथियों से भेट करकर मामले को रफा दफा किया गया|
जेलर पीके सिंह ने जेएनआई को बताया कि एक बंदी के फांसी लगाने की अपवाह फैला दी गयी थी| कुछ जेल में बंद अपराधिक तत्व नही चाहते की शांति रहे| मारपीट और पथराव की बात गलत है|