फर्रुखाबाद:(कमालगंज)थाने की छत का टुकड़ा अचानक टूट कर जमीन पर गिरा तो नीचे बैठे दरोगा बाल-बाल बच गये| अन्य पुलिस कर्मी भी जर्जर भवन होने के कारण खौफजदा है| जबकि पूर्व में ही निष्प्रयोज्य घोषित 88 वर्ष पुराने थाने के मलबे के आंकलन के लिए पीडब्ल्यूडी की टीम ने जर्जर थाने की इमारत की नाप-जोख कर सर्वे पूर्व में 8 जनवरी 2018 को ही कर चुकी है| लेकिन उसके बाद भी नये भवन की व्यवस्था नही की गयी|
1760 वर्ग मीटर करीब 40 डिसमिल जमीन में निर्मित थाना कमालगंज का भवन 1929 में तैयार किया गया था| बीते 25 मार्च 2004 को थाने को निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया गया था। लेकिन उसके बाद भी उसमे थाने को चलाने का काम निरंतर जारी है| निष्प्रयोज्य घोषित होने के 13 वर्ष बाद बीते 8 जनवरी 2018 को तत्कालीन पीडब्ल्यूडी एई एके सिन्हा, जेई रूपकिशोर राजपूत, मेट न्याज खां व रामसेवक की टीम ने थाने पहुंचकर जर्जर इमारत की नापजोख व पैमाइश की थी। उसी दौरान एई ने बताया था कि थाने की 40 से 50 प्रतिशत ईंटों में नोना लग गया है| उन्होंने मलवे का आंकलन कर रिपोर्ट शासन में भी भेज दी थी|
इसके बाद भी अभी तक दूसरों की सुरक्षा में हमारे तत्पर रहने वाली पुलिस अपने ही थाने के भीतर जाने से पहले खौफ से सामना करती है| शनिवार को दरोगा दिनेश कुमार थाने में कुर्सी पर बैठे थे| उसी दौरान अचानक छत से अचानक छत का दुकड़ा उनके निकट जमीन पर तेज आवाज के साथ आ गिरा| जिससे वह बाल-बाल बच गये| (कमालगंज से मुईद खान)