जगन्नाथ कथा एवं रथयात्रा महोत्सव में कृष्ण लीला का रसपान

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फर्रुखाबाद:श्री राधामाधव मन्दिर में चल रहे जगन्नाथ कथा एवं रथयात्रा महोत्सव में चिन्मय गोस्वामी जी ने बताया कि द्वारिका में द्वारिकाधीश भगवान श्री कृष्ण जो सदैव गोपियों का ही चिन्तन करते रहते हैं|
जिस कारण सुभद्रा जी अपने भाई जगन्नाथ श्री कृष्ण जी को गोपियों और ब्रजवासियों से मिलवाने, दाऊ भैया बलराम जी के साथ तीन अलग अलग रथों पर विराजमान हो कर द्वारिका से वृन्दावन जा रहीं हैं। भगवान श्री कृष्णचैतन्य देव अपनी लीला द्वारा जीव जगत को शिक्षा देते हैं कि भगवान के भक्त सदाचार पालन करते हुए को विषयी और अहंकारी व्यक्तियों चाहेँ वह राजा ही क्यों न हो, से दूर रहना चाहिए।
भगवान महाप्रभु श्री कृष्णचैतन्य जी ने जगन्नाथ पुरी में गुण्डिचा मन्दिर द्वारा भगवत सम्बन्धी सेवा के महत्व को प्रतिपादित किया । भगवान महाप्रभु ने निर्देशित किया कि हर व्यक्ति को भगवान जगन्नाथ श्री कृष्णको अपने हृदय में विराजमान करने से पूर्व अपने चित्त , मन में जमें काम क्रोध लोभ मोह आदि अनर्थों की भगवद भक्ति एवं सेवा द्वारा सफाई करनी होगा।
डॉ मनोज मल्होत्रा, अशोक रस्तोगी, अपार, बंसल, हर्षित, कुसुम अग्रवाल, सुमन मिश्रा, अनीता अरोड़ा, अमिता रस्तोगी, रामकुमार, नीरज रस्तोगी,सुरेंद्र, व् अशोक कुमार अग्रवाल आदि रहे|