भाजयुमो की प्रदेश टीम की घोषणा में बाधा बनी दावेदारों की भीड़

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लखनऊ:लोकसभा 2019 की तैयारियों में लगी भारतीय जनता पार्टी अभी प्रदेश में युवा मोर्चा की टीम को लेकर गंभीर नहीं है। सूबे के भाजपा के फ्रंटल संगठनों की प्रदेश समितियों की घोषणा शुरू हो गई है, लेकिन भाजयुमो की टीम अभी भी लटकी है।
देश के साथ ही प्रदेश के किसी भी राजनैतिक संगठन में युवा मोर्चा को सबसे ऊर्जावान माना जाता है, लेकिन करीब दो वर्ष से इसके प्रदेश पदाधिकारियों का चयन नहीं हो पा रहा है। भाजयुमो में पद के दावेदारों की भीड़ बढऩे से टीम घोषित करने में देरी हो रही है। फिलहाल भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत पाठक प्रदेश में अकेले ही मोर्चा पर डटे हैं।प्रदेश अध्यक्ष के रूप में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा के सात मोर्चों के अध्यक्षों की घोषणा की थी। इसके बाद से किसी की कमेटी घोषित नहीं हो सकी। डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के अध्यक्ष बनने के बाद नए सिरे से अध्यक्ष घोषित किये गये। महिला मोर्चा और भाजयुमो में बदलाव हुआ और बाकी मोर्चों के अध्यक्ष पहले वाले ही बने रहे।
उम्मीद थी कि भाजयुमो की टीम सबसे पहले घोषित होगी, लेकिन अन्य मोर्चों की प्रदेश स्तरीय टीम घोषित होने के बावजूद इसकी टीम नहीं बनी। कितनी बड़ी विसंगति है कि सुब्रत पाठक बिना टीम बनाये एक वर्ष से ज्यादा समय तक भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रहे और सुभाष यदुवंश को प्रदेश अध्यक्ष बने चार माह से ज्यादा बीत चुके हैं।सुभाष यदुवंश की अब तक टीम घोषित न होने से सवाल उठना स्वाभाविक है। इस सिलसिले में जब भाजपा के प्रदेश महामंत्री और युवा मोर्चा के प्रभारी अशोक कटारिया से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि भाजयुमो पदाधिकारियों की घोषणा दस जुलाई तक हो जाएगी।