लखनऊ: युवाओं का पंजीयन करने वाला सेवायोजन विभाग अब बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए हर महीने रोजगार मेला भी लगाएगा। सरकारी नौकरी के लिए बेरोजगारों का नाम भेजने वाला विभाग रोजगार मेले के माध्यम से निजी कंपनियों में नौकरी दिलाने का प्रयास करेगा। इससे न केवल पढ़े लिखे पंजीकृत बेरोजगारों को नौकरी के अधिक अवसर मिलेंगे बल्कि उनकी संख्या में भी कमी आएगी। इस वर्ष प्रदेश में 572 रोजगार मेले लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए नौकरी देने वाली संस्थाओं को भी विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीयन कराने का निर्देश दिया गया है। इसके पीछे मंशा यह है कि प्राइवेट कंपनियों में नौकरी पाने वाले बेरोजगारों का भविष्य सुरक्षित हो और उनकी योग्यता के अनुसार वेतन मिल सके। राजधानी के लालबाग स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय की सहायक निदेशक सुधा पाडेय की ओर से रोजगार मेला लगाने की तैयारी अंतिम रूप ले चुकी है। शीघ्र ही रोजगार मेले की तिथि घोषित की जाएगी।
नौ लाख कंपनिया ऑनलाइन:
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग की ओर से नेशनल कॅरियर सर्विस का भी गठन किया गया है। एनसीएस में नौकरी देने वाली नौ लाख कंपनियों को जोड़ा जाएगा। 52 सेक्टरों में रोजगार देने वाली ये सरकारी व निजी कपंनिया प्रदेश के 92 के साथ ही देशभर 956 सेवायोजन कार्यालयों से जुड़ेंगी। पंजीकृत बेरोजगारों को सीधे एक क्लिक पर नौकरी पाने का अवसर मिलेगा। वेबसाइट पर नौ लाख कंपनिया ऑनलाइन होंगी। नई व्यवस्था के तहत निजी संस्थाओं पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू हो चुकी है। नौकरी देने वाली कंपनी को रखने के साथ ही निकालने की सूचना भी सेवायोजन कार्यालय को देनी होगी। काम के अनुसार वेतनमान की सूचना भी ऑनलाइन करनी होगी।
क्या कहना है प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशक का ?
प्रशिक्षण एवं सेवायोजन के निदेशक प्राजल यादव का कहना है कि पंजीयन कराने वाले बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए 2018-19 के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालयों को एक साल में 12-12 रोजगार मेले लगाने के साथ ही छोटे जिलों को कम से कम तीन मेले लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इस वर्ष 572 रोजगार मेला लगाने का लक्ष्य है।