सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मिलेगा बीआरसी का चार्ज

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फर्रुखाबाद 08, शासन की ओर से सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ब्लाक संसाधन केंद्र संमंवयकों के पद समाप्त कर दिये गये हैं। सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार अब सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी ही बीआरसी संमंवयक का कार्य देखेंगे। प्रति ब्लाक अब सात सहसमंवयकों की नियुक्ति की जायेगी। इसी प्रकार न्याय पंचायत समंवयकों को भी हटाने के आदेश दिये गये हैं।

ब्लाक संसाधन केंद्र समंवयकों की नियुक्ति को लेकर मचे हालिया बवाल के बाद यह खबर काफी महत्वपूर्ण हो गयी है। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ब्लाक स्तर पर बनाये बीआरसी के खातों में सालाना लाखों रुपये का बजट आता है। इसी बजट की बंदर बांट के लिये बीआरसी पर चयन के लिये अध्यापकों में मारा मारी मचती थी। वर्ष 2002 में चयनित बीआरसी तो नौ वर्षों तक अपने पदों पर जोड़ तोड़ कर बने रहे। आखिर शासन के काफी दबाव के बाद नये चयन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई तो चयन के दौरान अनियमिततओं की शिकायतों को लेकर काफी बवाल हुआ।

बेसक शिक्षा सचिव अनिल संत की ओर से जारी हालिया शासनादेश में कहा गया हैं कि अब सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी ही पदेन रूप से बीआरसी का कार्य देखेंगे। उनकी सहायता के लिये प्रति ब्लाक  विषयवार 7 सह समंवयक रखे जायेंगे। विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, हिंदी व सामाजिक अध्यन के अतिरिक्त एक एक पद समेकित शिक्षा व वैकल्पिक शिक्षा के लिये होगा। इसके लिये बाकायदा योग्यता और अहर्तायें भी निर्धारित कर दी गयी हैं। बीआरसी सह समंवयक पद के लिये संबंधित विषय में कम से कम स्नातक व अध्यापक प्रशिक्षण योग्यता, आठ वर्ष का शैक्षिक अनुभव और इतनी अवशेष सेवा अवधि होना अनिवार्य है।

श्री संत ने अपने शासनादेश में कहा है कि न्यास पंचायत स्तर पर नियुक्त एनपीआरसी अपेक्षित शैक्षिक अनुसमर्थन नहीं दे पा रहे हैं। एनपीआरसी पद पर नियुक्त अध्यापक ही भवन निर्माण प्रभारी भी बना दिये जाने के कारण शैक्षिक सहयोग नहीं दे पा रहे हैं। इस व्यवस्था के चलते इन पदों पर नियुक्त शिक्षकों के स्थान पर संकुल प्रभारी नियुक्त करने के निर्देश दिये गये हैं। यह संकुल प्रभारी अपने वि़द्यालयों में ही तैनात रहकर पदेन एनपीआरसी के तौर पर कार्य करते रहेंगे।