फर्रुखाबाद: फलों के राजा आम की फसल ने किसानों के चेहरों पर रौनक बिखेर दी है। आम के पेड़ों में बौर के लदान को देखकर किसान इस बार अंदाजा लगा रहा है कि फसल से मोटा मुनाफा कमाया जा सकेगा। आम के पेड़ अबकी बौर से पूरी तरह ढक गए हैं। लेकिन वही उन्हें मौसम का खतरा भी भीतर ही भीतर डरा रहा है| यदि बारिश हुई तो किसानों के अरमानों को अपने साथ बहा ले जायेगी|
जनपद के कमालगंज, याकूतगंज,कायमगंज आदि क्षेत्र के कई गांवों में किसानों ने आम की बागवानी व्यावसायिक तौर पर की है। अधिकांश किसानों ने अपने बाग में भारी मात्रा में कलमी आम चौसा, लंगड़ा, सफेदा, दशहरी, सेंदुरवा, फजली, सुंदरी के साथ मलिहाबादी आम के पौधों को लगाया है। इन क्षेत्रों में वसंत ऋतु के आगमन के बाद से आम के देशी व अन्य प्रजातियों के पेड़ों में बौर लद गया है। क्षेत्र के आम उत्पादक किसान आम के पेड़ पर पर्याप्त बौर होने से संतुष्ट नजर आ रहे हैं। आम के बगीचों में पेड़ों की रखवाली करने के साथ पेड़ों की देखरेख की जा रही है।
आम की बागबानी करने वालेकमालगंज के भोजपुर निवासी ईसरत, ढपलपुर निवासी असलम, हुसैनगंज निवासी धर्मपाल, अम्बेडकर नगर निवासी आम के बागबान परमेश्वर ने बताया कि इस बार आम के पेंड़ो में पिछली साल की अपेक्षा अधिक बौर आया है| जिससे उन सब में ख़ुशी की लहर है| यदि उन्होंने बताया कि यदि मौसम ने साथ दिया तो आम आम आदमी के मुंह में जायेगा|
पक्षियों को बौर से दूर रख उन्हें भगाया जा रहा है। पक्षी पेड़ पर लगे बौर को काटकर झाड़ देते हैं। ईसरत ने बताया कि बेहतर मौसम के कारण हाईब्रिड और देसी पेड़ों में इस साल अच्छे बौर होने से इस बार उन्हें अच्छी फसल की उम्मीद है। उसका कहा है कि सावधानी के तौर पर पेड़ों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है। मौसम का रुख अभी तक आम की फसल के पक्ष में है। मौसम आगे भी अनुकूल रहा तो फसल अच्छी होगी। उद्यान विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे आम के पेड़ों को दीमक, पशु-पक्षी व बच्चों से बचाने के साथ वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर पेड़ों पर छिड़काव करें।
शुरुआती आवक में मिलती अच्छी कीमत
जिले के कई ब्लाकों में आम के पेड़ व बगीचे हैं। फिलहाल जिले में देसी प्रजाति के आम का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है। देशी और कलमी आम की प्रजाति का उत्पादन अगर अच्छा होगा तो बाजार में आवक के समय किसानों को अच्छी कमाई की उम्मीद है। बाजार में आवक के समय अच्छी प्रजाति के आम के दाम 30 से 40 रुपए प्रति किलो व देसी आम लगभग 20 से 25 रुपए प्रति किलो तक बिकता है।
तेज बारिश से हो सकता नुकसान
हल्की बूंदा-बांदी के साथ नम मौसम आम की फसल के लिए बेहतर मुफीद साबित होता है। वहीं आंधी के साथ तेज बारिश आम की फसल के लिए बेहतर नुकसानदायक होती है। बागवानों को चता है कि यदि तेज बारिश होती है तो आम में फंगस लग सकता है। इस रोग से 30 से 40 प्रतिशत फसल तबाह हो सकती है।
बन्दर कर रहे आम के बौर का नुकसान
आम के बाद बौर से लदे पड़े है| जंहा एक तरफ किसान खुश है तो वही दूसरी तरफ वह बौर पर बंदरों के आतंक से चिंतित है| किसानो का कहना है कि कमालगंज क्षेत्र के कई बागों में बन्दर ने हमला किया हुआ है| (कमालगंज से मुईद खान)