नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली आज लोकसभा में मोदी सरकार का लगातार पांचवां बजट किया। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि 4 साल में टैक्स देने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 19.25 लाख नए टैक्स पेयर्स बढ़े हैं। काले धन के खिलाफ मुहिम का असर हुआ कि 90 हजार करोड़ टैक्स कलेक्शन बढ़ा है। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। अब इनकम टैक्स स्लैब वही रहेगी जो 2017-18 में थी।
करदाताओं को इस बजट से खासी उम्मीद थी। उद्योग और आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आम बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई से बढ़ाकर तीन लाख रुपये की जा सकती है। विशेषज्ञ बिमल जैन के अनुसार, इस समय ढाई लाख रुपये तक की सालाना आय कर मुक्त है, जबकि ढाई से पांच लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगता है। इसके बाद पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की आय पर तीस प्रतिशत दर से कर देय होगा। टैक्स स्लैब की मौजूदा स्थिति जो कि अब बनी रहेगी।
इनकम टैक्स स्लैब (60 साल तक की उम्र वालों के लिए)
आय मौजूदा दर
0 से 2.5 लाख रुपए 0%
2.5 लाख से 5 लाख 5%
5 लाख से 10 लाख 20%
10 लाख से ऊपर 30%
टैक्स में छूट
– 3.5 लाख रुपए तक की आय पर 2500 की छूट 87 ए के तहत मिलती है। मतलब आपके कुल टैक्स में से
2500 रुपए घट जाते हैं। इस कारण 3 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री हो जाती है।
सरचार्ज
– 50 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक की आय पर 10 फीसदी सरचार्ज
– 1 करोड़ रुपए से ऊपर की आय पर 15 फीसदी सरचार्ज
सेस
कुल आयकर पर 3 फीसदी सेस और साथ में सरचार्ज
इनकम टैक्स स्लैब (60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम)
आय मौजूदा दर
0 से 3 लाख रुपए 0%
3 लाख से 5 लाख 5%
5 लाख से 10 लाख 20%
10 लाख से ऊपर 30%