फर्रुखाबाद:(जहानगंज)अभी तक जो होता रहा वह किसे नही पता लेकिन अब जो भी हो रहा है यह सरकार के दावे के हिसाब से नही होना चाहिए था| सरकार जिस सोच के साथ मासूम बच्चों के लिए मदरसा चलाने की परमिशन संचालकों को देती है सरकार की उस मंशा को किनारे करके मदरसा संचालक पूरी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं| छात्र-\छात्राओं ने बजीफे के लाखो रूपये किस तरह से गबन किये गये यह पढने वाले छात्रों ने खुद ही बताया|
क्षेत्र में एक ही गांव न्यामतनगर भड़ौसा में हाफिज मुजीब, मासूम रजा, माशा अल्ला मदरसा संचालक है| उनका खुशनूदी बेगम निसवॉ नाम से मदरसा संचलित है| वही मासूम रजा का एक मदरसा ग्राम सरफाबाद में संचालित है| जेएनआई टीम ने जब इनके बारे में जानकारी ली तो पता चला कि लाखो का बजीफा गबन हुआ है| तीनो मदरसों में लगभग 600 छात्र-छात्रायें पंजीकृत है| मदरसों में पढने वाले शेयब,रुखसार बानो,नसीब बानो, शहनाज बानो, मो. सभी. अलीशान, खुशबु बानों, सुमन बानों,गुलाब रसूल, मो० नबी, शोयब, निराले खान, अब्दुल कलाम, मासूम रजा, हसीन रजा आदि इन मदरसों में पंजीकृत बच्चों ने बताया की मदरसा संचालकों ने उनके आधार कार्ड जमा कराकर मदरसों में नाम पंजीकृत कर लिये| जिसके बाद छात्रों के लिये आया बजीफे का पैसाउनके खाते से निकाल लिया|
प्रति छात्र लगभग 5700 रूपये का बजीफा आया था| जिसे जादातर छात्रों को दिया ही नही गया| जब जेएनआई टीम ने मदरसे की अकिकत देखी तो पता चला की खुले आसमान के नीचे एक पन्नी पर तीन मदरसों के मिलाकर केबल 6 छात्र बैठे मिले| हद तो इस बात की है कि जो आरोप छात्रों व उनके परिजनों ने लगाये है उनकी जानकारी विभाग को नही है|
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मकरंद प्रसाद ने बताया कि मामले की गम्भीरता से जाँच कराकर यदि आरोप सही मिला तो कार्यवाही की जायेगी|